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श्रीलंका की हालत देखकर मोदी सरकार मुफ्त वाली योजनाओं को बंद कर सकती है

श्रीलंका की हालत देखकर मोदी सरकार मुफ्त वाली योजनाओं को बंद कर सकती है
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Modi government Will stop The free schemes: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्यूरोक्रैट्स के साथ बैठक ली है, और राज्यों में चलने वाली फ्री स्कीमों को बंद करने का फैसला लिया जा सकता है

Modi government Will stop the free schemes: श्रीलंका के लोग भुखमरी, महंगाई, संसाधनों को कमी और आपातकाल से गुजर रहे हैं. ऐसा इस लिए हुआ है क्योंकि श्रीलंका के ऊपर लाखों करोड़ डॉलर का कर्ज है, कर्ज इसी लिए इतना बढ़ चुका है क्योंकि श्रीलंका की सरकार ने सत्ता में आने के लिए खूब पैसे लुटाए हैं, लोगों को खूब फ्री वाली योजनाएं दी हैं.

भारत सरकार और देश के राज्यों की सरकार भी जनता को लुभाने के लिए खूब फ्री वाली स्कीम देती हैं. जैसे फ्री बिजली, फ्री पानी, फ्री एडमिशन, इंटरेस्ट फ्री लोन आदि. श्रीलंका की हालत देखने के बाद मोदी सरकार राज्यों द्वारा चलाई जाने वाली फ्री योजनाओं को बंद करने की योजना बना रही है. इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी ने ब्यूरोक्रैट्स के साथ मीटिंग की है। देश में अगर मुफ्त वाली यजनाएं ऐसी ही चलती रहीं तो एक दिन भारत की भी हालत श्रीलंका जैसी हो जाएगी।

पीएम मोदी ने क्या कहा

प्रधानमंत्री मोदी ने देश के आला अधिकारीयों के साथ बैठक ली, कुछ अधिकारीयों ने कई राज्यों की तरफ इशारा करते हुए राज्यों की तरफ से घोषित लुभाने वाली फ्री योजनाओं के प्रति चिंता व्यक्त की. अधिकारीयों ने कहा कि ऐसी फ्री वाली योजनाएं देश के लिए आर्थिक रूप से व्यावहारिक नहीं हैं. ऐसी स्कीमें देश को श्रीलंका की हालत में लाकर खड़ी कर देगी।

बीते शनिवार को पीएम मोदी ने अपने ब्यूरोक्रैट्स के साथ 4 घंटे तक मीटिंग की. जिसमे सभी विभागों के सचिव, NSA अजीत डोभाल, पीएम के प्रधान सचिव पीके मिश्रा और कैबिनेट सचिव राजीव गौबा के अलावा केंद्र के बड़े अधिकारी मौजूद रहे.

फ्री वाली योजनाएं बंद नहीं हुईं तो क्या होगा

राज्य सरकारें जब चुनाव कराती हैं तो जनता को लुभाने के लिए मुफ्त वाली योजनाओं का लॉलीपॉप देती हैं. जैसे फ्री लैपटॉप, फ्री स्मार्टफोन, फ्री बिजली, फ्री साईकिल, विशेष जाति के लोगों के लिए फ्री एडमिशन, फ्री फीस, आदि. जनता को तो ये फ्री में मिलता है लेकिन सरकार तो इन्हे खरीदने में पैसा खर्च करती है. ऐसे में राज्यों पर कर्ज बढ़ने लगता है और लागत वसूली के लिए राज्य सरकारें टैक्स बढाती हैं. जब टैक्स बढ़ता है तो महंगाई बढ़ती है और महंगाई के बारे में क्या बताए वो तो आप झेल ही रहे हैं.


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