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RTO New Rules: बड़ा ऐलान! देशभर के सभी वाहनों के लिए नया नियम, अब Police Verification हुआ बेहद जरूरी, तुरंत बनवाएं वरना....

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RTO New Rules: सरकार बुजुर्गों, बच्चों व दिव्यांगजनों की सुरक्षा को लेकर गंभीर दिख रही है।

RTO New Rules: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी आदित्यनाथ सरकार बुजुर्गों, बच्चों व दिव्यांगजनों की सुरक्षा को लेकर गंभीर दिख रही है। तभी तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा सार्वजनिक परिवहन के चालकों का पुलिस सत्यापन कराने शहरों में ई-रिक्शा के रूट निर्धारण तथा सेफ सिटी पोर्टल विकसित किया जाय। सीएम योगी का कहना है कि महिला सुरक्षा सम्मान व बुजुर्गों, बच्चों व दिव्यांगजनों सुरक्षा हर हाल में आवश्यक है। इसके लिए नियमों में परिवर्तन किया जा रहा है। नए नियम के तहत वाहनों का पुलिस वेरिफिकेशन करवाना आवश्यक किया। अगर आपके पास अपने वाहन के कागजात, लाइसेंस, आडी प्रूफ है तो इसे लेकर जायें और आपना वेरीफिकेसन करवाए। जो भी इस नियम का पालन नहीं करेगा भारी भरकम जुर्माना देना पड़ेगा।

क्यों आवश्यक है पुलिस वेरीफिकेशन Uttar Pradesh Police Verification Vehicle

सरकार द्वारा बनाए गए नियम के अनुसार लोगों के मन में एक प्रश्न उठता है कि आखिर पुलिस वेरिफिकेशन की आवश्यकता क्यों है। अगर इस पर विचार किया जाए तो सरकार स्कूलों आदि में चल रहे हो वाहनों के संबंध में पूरी जानकारी रूट निर्धारण के लिए यह व्यवस्था बनाई जा रही है। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को गृह विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सेफ सिटी परियोजना की समीक्षा की और उसके विस्तार का निर्देश दिया। कहा कि सेफ सिटी परियोजना से महिलाओं को ही नहीं, बुजुर्गों, बच्चों व दिव्यांगजनों को जोड़ा जाए।

’सेफ सिटी’ बनाए जाने पर जोर Uttar Pradesh RTO New Rules

योजना की शुरुआत में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 17 नगर निगम व गौतमबुद्धनगर को ’सेफ सिटी’ बनाए जाने के कार्य को तीन माह में सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है। कहा है कि तीन माह बाद यूपी 18 सेफ सिटी वाला पहला राज्य होगा। योगी ने मंगलवार को गृह विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिया।

क्या है योजना में

सार्वजनिक परिवहन के चालकों का पुलिस सत्यापन कराने, शहरों में ई-रिक्शा के रूट निर्धारण तथा सेफ सिटी पोर्टल विकसित किए जाने का निर्देश भी दिया। योगी ने कहा कि महिला सुरक्षा, सम्मान व स्वावलंबन सुनिश्चित किया जाए।

दूसरे चरण में 57 जिला मुख्यालयों की नगर पालिकाओं तथा तीसरे चरण में 143 नगर पालिकाओं को सेफ सिटी परियोजना से जोड़े जाने का निर्देश दिया।

सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों व दिव्यांगजनों के लिए एक सुरक्षित, संरक्षित व सशक्त बनाने प्रयास किया जाए।

साथ ही कहा गया है कि व्यापारियों का सहयोग लेकर भी शहर में अधिक से अधिक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाएं। सभी थानों में सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाएं और उसकी एओपी भी बनाई जाए।

हर माह महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों व दिव्यांगजन के लिए विशेष कार्यक्रम भी हों। उनकी समस्याएं सुनी जाएं और समाधान सुनिश्चित कराया जाए।

सफल महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों व दिव्यांगजनों की पहचान कर उन्हें रोल माडल के रूप में प्रस्तुत किया जाए, जिससे दूसरे भी प्रेरित हों।

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