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RBI REPO RATE HIKE: आम आदमी को एक बार फिर बड़ा झटका, रिजर्व बैंक ने रेपो रेट बढ़ाया, मंहगे हो गए सभी तरह के लोन

RBI REPO RATE HIKE
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RBI REPO RATE HIKE: आम आदमी के लिए अच्छी खबर नहीं है. रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) ने रेपो रेट में 0.35 फीसदी की बढ़ोत्तरी की है. इसके साथ ही सभी तरह के लोन मंहगे हो जाएंगे.

RBI REPO RATE HIKE: आम आदमी के लिए अच्छी खबर नहीं है. रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) ने रेपो रेट में 0.35 फीसदी की बढ़ोत्तरी का ऐलान किया है. रेपो रेट बढ़ने के साथ ही सभी तरह के लोन मंहगे हो जाएंगे. RBI के मुताबिक़, अब रिपो रेट 5.90 से बढ़कर 6.35 फीसदी हो जाएगा.

होम लोन से लेकर सभी तरह के लोन पर असर

बुधवार, 7 दिसंबर 2022 को RBI गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikant Das) ने एमसीपी की बैठक में नीतिगत दरें बढ़ाने का ऐलान किया है. अभी तक रेपो रेट 5.90% था, जो 0.35% बढ़ने के बाद 6.35% हो जाएगा. यानि इसका सीधा असर वर्तमान लोन धारकों और नए लोन लेने वालों पर पड़ने वाला है. रेपो रेट बढ़ने की वजह से होम लोन- ऑटो लोन और अन्य कर्ज के ब्याज में वृद्धि होना तय है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी की बैठक के बाद गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो दरों (Repo Rate) में इस साल लगातार पांचवीं बढ़ोतरी का ऐलान किया है.

रेपो रेट बढ़ने का था अनुमान

पहले से ही रेपो रेट में बढ़ोतरी का अनुमान जाहिर किया जा रहा था. कई मीडिया रिपोर्ट्स में एक्सपर्ट्स ने आशंका जाहिर की थी कि केंद्रीय बैंक महंगाई में राहत के बावजूद नीतिगत दरों में 25-35 बेसिस प्वाइंट तक की बढ़ोतरी कर सकता है. गौरतलब है कि लंबे समय से देश में महंगाई (Inflation) उच्च स्तर पर बनी हुई थी, लेकिन बीते अक्टूबर महीने में इसमें गिरावट देखने को मिली है.

अब तक Repo Rate में इतनी वृद्धि

RBI की ओर से रेपो रेट में बढ़ोतरी का सिलसिला मई 2022 महीने से शुरू किया गया था. तब रेपो रेट में 0.40 फीसदी की बढ़ोतरी की गई थी. इसके अगले महीने जून में फिर RBI ने ब्याज दरों में 0.50 फीसदी का इजाफा किया. ये सिलसिला जारी रहा और अगस्त महीने में 0.50 फीसदी की वृद्धि देखने को मिली, जबकि सितंबर में भी केंद्रीय बैंक ने नीतिगत दरों को 0.50 फीसदी बढ़ाया था. अब ये पांचवीं बार है, जब केंद्रीय बैंक ने लोगों की जेब का खर्च बढ़ाया है.

Repo Rate का LOAN EMI पर असर

रेपो दर (Repo Rate), रेपो रेट वह दर होती है जिस पर आरबीआई (RBI) बैंकों को कर्ज देता है, जबकि रिवर्स रेपो रेट उस दर को कहते हैं जिस दर पर बैंकों को आरबीआई पैसा रखने पर ब्याज देती है. रेपो रेट के कम होने से लोन की EMI घट जाती है, जबकि रेपो रेट में बढ़ोतरी से सभी तरह का Loan महंगा हो जाता है और इसी क्रम में LOAN की EMI में भी इजाफा देखने को मिलता है.

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