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Post Office Savings Account: पोस्ट ऑफिस में खोलें सेविंग अकाउंट, मिलेंगे शानदार फायदे, ये है नियम

Post Office Savings Account: पोस्ट ऑफिस में खोलें सेविंग अकाउंट, मिलेंगे शानदार फायदे, ये है नियम
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Post Office Savings Account: अगर आप पोस्ट ऑफिस में डाक खाता खुलवाना चाहते हैं, तो यह आप बड़ी आसानी से खुलवा सकते हैं.

Post Office Savings Account: आमतौर पर हर व्यक्ति अपना सेविंग अकाउंट बैंक, पोस्ट ऑफिस या फिर निजी बैंकों में खुलता है। लेकिन पोस्ट ऑफिस में खोला गया सेविंग अकाउंट फायदे से भरपूर है। आज हम पोस्ट ऑफिस में खोले गए सेविंग अकाउंट में मिलने वाले फायदे के संबंध में चर्चा करने जा रहे हैं। पोस्ट ऑफिस में खोली गए सेविंग अकाउंट से एक तो ज्यादा ब्याज दर प्राप्त होती है वहीं पोस्ट ऑफिस में सेविंग अकाउंट खोलने के लिए ज्यादा पैसों की भी आवश्यकता नहीं होती है। वही बात अगर सुविधाओं की करें तो पोस्ट ऑफिस भी बैंकों की तरह हर सुविधा अपने खाता धारक को दे रहा है।

मिल रही है ज्यादा ब्याज दर

आमतौर पर बैंकों में सेविंग अकाउंट खोलने पर बहुत कम ब्याज दर प्राप्त होती है। ऐसे में पोस्ट ऑफिस एक बड़ा विकल्प के रूप में सामने है। पोस्ट ऑफिस में सेविंग बैंक अकाउंट खोलने पर यहां से ज्यादा ब्याज जमा पैसे पर मिलता है। जमा पैसे की गारंटी अन्य बैंकों की तरह ही होती है। बैंक की अपेक्षा मिल रही ज्यादा ब्याज दर खाताधारकों की संख्या बढ़ा रही है।

पोस्ट ऑफिस में सेविंग अकाउंट के लिए 500 रुपए की आवश्यकता होती है या कहें पांच सौ रुपए में पोस्ट ऑफिस में खाता खोला जा सकता है। पोस्ट ऑफिस जमा रकम में चलाना 4 प्रतिशत की ब्याज अपने खाताधारकों को देती है। वही पोस्ट ऑफिस के इस सेविंग अकाउंट में पांच सौ रुपए का मिनिमम बैलेंस बनाए रखना होता है।

कौन खोल सकता है अकाउंट

पोस्ट ऑफिस में अकाउंट कोई भी व्यक्ति खोल सकता है। सिंगल अकाउंट व्यक्ति अपने नाम से तो खोल ही सकता है साथ में वह दूसरा जॉइंट अकाउंट भी खोल सकता है। वही नाबालिक होने की स्थिति में अभिभावक के रूप में वह खाता धारक के साथ शामिल रहता है। यही स्थिति विकृत मानसिकता वाले इंसान के नाम पर अगर खाता खोलना है दो उसका भी खाता अभिभावक के रूप में खुलवाया जा सकता है।

जॉइंट अकाउंट या अभिभावक की स्थिति में अगर मुख्य खाताधारक या साथी खाता धारक की मौत हो जाती है तो ऐसी स्थिति में अकाउंट का पूरा अधिकार दूसरे सदस्य को मिल जाता है। वह चाहे तो ज्वाइंट अकाउंट को आगे भी बढाया जा सकता है। लेकिन ऐसी स्थिति में उस व्यक्ति का अकाउंट नहीं होना चाहिए। सिंगल अकाउंट पहले से होने की स्थिति पर ज्वाइंट अकाउंट का दूसरा खाता दूसरे व्यक्ति के न रहने के बाद बंद करवाना पड़ता है।

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