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LIC Policy: एलआईसी की पॉलिसी ने मचाई तबाही, बिना प्रीमियम भरे मिलेगा ₹75000 का लाभ

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LIC Policy 2023: आदमियों को सुरक्षा प्रदान करने एलआईसी ने एक नई पालिसी लांच की है।

LIC Policy 2023: आदमियों को सुरक्षा प्रदान करने एलआईसी ने एक नई पालिसी लांच की है। इसी का नाम भी आम आदमी बीमा योजना रखा गया है। यह नाम से ही स्पष्ट हो रहा है कि यह एलआईसी की पॉलिसी समाज के आम लोगों के लिए है। जिन्हें सरल तरीके से बीमा प्रदान किया जा रहा है। एलआईसी की पॉलिसी में ग्रामीण भूमिहीन मजदूरों, मछुआरों, ऑटो रिक्शा चालकों जैसे कम आमदनी कमाने वाले लोगों के लिए है। तरह की सामाजिक सुरक्षा योजना है जो व्यक्ति की आंशिक और स्थाई विकलांगता को कवर करती है। आइए इस आम आदमी बीमा योजना के बारे में जानकारी प्राप्त करें।

क्या है आम आदमी बीमा पालिसी

भारतीय जीवन बीमा निगम एलआईसी द्वारा समाज के कमजोर तबके के लिए एक विशेष पालिसी शुरू की गई है इसका नाम आम आदमी बीमा योजना है। इस योजना के तहत बीमित व्यक्ति को 30000 बीमा पाने के लिए हर साल केवल नाम मात्र का 200 रुपए प्रीमियम देना होता है। इस छोटी सी प्रीमियम राशि के द्वारा एक बड़ा लाभ अर्जित किया जा सकता है। प्राकृतिक कारणों से दुर्घटना या फिर मृत्यु की स्थिति में एलआईसी पालिसी धारक को सहयोग प्रदान करती है।

बताया गया है कि मृत्यु होने के पश्चात बीमा धारक के नामांकित व्यक्ति को एलआईसी दावा दायर करने का अवसर देती है। उस समय पालिसी धारक के नामांकित व्यक्ति द्वारा पालसी धारक का मृत्यु प्रमाण पत्र तथा मृत्यु दावा फार्म भरकर जमा करना पड़ता है। दावा सत्यापन के पश्चात लाभार्थी के खाते में राशि स्थानांतरित कर दी जाती है।

कितना मिलता है लाभ

आम आदमी बीमा पालसी के संबंध में बताया गया है कि पॉलिसी धारक को उसकी मृत्यु हो जाने पर या फिर विकलांगता की स्थिति पर एलआईसी सहयोग करती है। बताया गया है कि यह बीमा लेने के पश्चात अगर लाभार्थी की मृत्यु हो जाती है या फिर वह विकलांग हो जाता है तो उसके परिवार को 30,000 रुपए से लेकर 75000 रुपए तक की राशि प्राप्त होती है। यह राशि उसके परिवार के लोगों को विपदा की घड़ी में सहयोगी सिद्ध होती है।

इन लोगों को किया जाता है शामिल

एलआईसी की आम आदमी बीमा पाल्सी के तहत समाज के कमजोर और गरीब तबके के लोगों को शामिल किया जाता है जिसमें मोची, मछुआ, बीड़ी मजदूर, हथकरघा बुनकर, हस्तशिल्प कारीगर, चमड़ा मजदूर, शारीरिक रूप से विकलांग, पापड़ मजदूर , दूध उत्पादक, ऑटो चालक, रिक्शा चालक, मेहतर, वन कर्मी, शहरी गरीब, गरीब किसान, निर्माण श्रमिक तथा बागवानी करने वाले को शामिल किया गया है।

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