
Bike Insurance: बाइक इंश्योरेंस रिन्यू कराने से पहले जान लें ये जरूरी बातें

बाइक इंश्योरेंस (bike insurance) खरीदना जितना आसान होता है, बीमा पॉलिसी (insurance policy) को रिन्यू कराना उतना बड़ा टास्क हो सकता है. अगर आपकी पॉलिसी एक्सपायर (policy expires) हो चुकी है और आप बाइक इंश्योरेंस पॉलिसी (bike insurance policy) को रिन्यू कराना चाहते हैं, तो आपको कुछ बातों का ध्यान जरूर रखिए.
समय पर पॉलिसी रिन्यू कराना होता है जरूरी
बहुत से लोग पॉलिसी के खत्म हो जाने का इंतजार करते हैं और उसके बाद उसे रिन्यू कराते हैं. ऐसा नहीं करना चाहिए. भारत में बदले नए वाहन नियमों के मुताबिक इंश्योरेंस के बिना या इंश्योरेंस के एक्सपायर होने के बाद गाड़ी चलाना कानूनी तौर पर अपराध के समान है. हमेशा अपने रिन्युअल डेच को लेकर अपडेटेड रहें. एक्सपायरी डेट तक रिन्युअल करा लें. अगर आपका इंश्योरर इस संबंध में कॉल या मैसेज करता है तो उसे इग्नोर न करें.
सही IDV का चुनाव करें
IDV का अर्थ है Insured Declared Value जो कि एक टोटल सम अमाउंट होता है, जो इंश्योरेंस के कवर में मिलता है, जो कि बीमाधारक को बाइक चोरी हो जाने पर मिलता है. IDV का निर्धारण किया जाता है बाइक की बाजार में मौजूदा कीमत और खरीदे गए साल से डेप्रीसिएशन को कैलकुलेट करके. IDV जितनी अधिक होगी उतना प्रीमियम बीमाधारक को भरना होगा. हमेशा याद रहे कम प्रीमियम भरने के चक्कर में कभी भी कम IDV का चुनाव न करे. IDV इस तरह से निर्धारित करे कि जरूरत पड़ने पर भरपाई की जा सके.
एड-ऑन कवर्स जो जरूरी हो उसे जरूर लें
अपनी पॉलिसी में जरूरी एड-ऑन कवर्स जरूर लें और इसे मॉडिफाई करें. जैसे कि जीरो डेप्रिसिएशन कवर, पैसेंजर कवरेज, एक्सेसरीज कवर आदि. इन्हें पॉलिसी में ऐड करने से पॉलिसी की वैल्यू बढ़ जाएगी.
रिन्युअल के समय पेमेंट को रिव्यू करना न भूले
पॉलिसी रिन्यू करते समय ये अच्छा रहेगा कि आप अपने पेमेंट और चार्ज वगैरह को एक बार फिर से रिव्यू कर लें. कभी कभी बीमाधारक ज्यादा चार्ज दे देता है।




