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Income Tax Return: इनकम टैक्स रिटर्न क्यों भरना चाहिए भले ही आप टैक्स नहीं देते

Income Tax Return: इनकम टैक्स रिटर्न क्यों भरना चाहिए भले ही आप टैक्स नहीं देते
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Income Tax Return: इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने की लास्ट डेट 31 दिसंबर है अगर फाईलिंग से चूक गए तो 10 हज़ार की चपत बैठ जाएगी इत्ता समझ लीजिये

Income Tax Return: इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने की लास्ट डेट 31 दिसंबर है और इत्ता जान लीजिये कि अगर इस तारिख तक आपने ITR फाइल नहीं किया तो आपको निश्चित रूप से 10 हज़ार रुपए की चपत बैठ जाएगी। कुछ ऐसे भी दिग्गज टाइप के लोग होते हैं जो सोचते हैं कि हम तो कमाते ही नहीं ना ही टैक्स देते हैं तो ITR काहे को फाइल करेगें? वहीं कुछ लोग इस लिए भी ITR नहीं भरते कि ऐसा करने पर वो किसी लफड़े में ना फंस जाएं।

देखो दोस्त हम अब इस मामले को सुलझाने आये हैं तो आपके इस कन्फूज़न को भी सॉल्व कर देते हैं, जरूरी नहीं है कि आपको टैक्स नहीं देना है तो ITR भी फाइल भी नहीं करना है बल्कि ऐसा करने से आपको भविष्य में कई फायदे मिलते हैं कोई दिक्क्त नहीं होती यार...

नियम क्या है (Income Tax Law)

वित्तय वर्ष 2020-21 में अगर आपकी इनकम 2.50 लाख से ज़्यादा है तो देखिये आपको इनमक टैक्स रिटर्न भरना अनिवार्य है। 60 साल से ऊपर और 80 से नीचे के लोगों कि आय 3 लाख से ज़्यादा होने पर ITR भरना होता है। 80 से ज़्यादा ऐज वालों के लिए यह लिमिट 5 लाख है।

2.5 लाख से कम इनकम में भी ITR क्यों भरें

अगर आपकी एनुअल इनकम 2.5 लाख से कम है और देश के बाहर कहीं कोई संपत्ति है तो आपको ITR भरना होता है। और देश के बाहर किसी भी बैंक अकाउंट में अगर आपका बैंक अकाउंट है फिर भी ITR भरना होगा। वित्तय वर्ष में अगर आप फॉरेन टूर में 2 लाख रुपए खर्चा करते हैं फिर भी आपको ITR भरना होगा। और किसी ने एक साल में 1 लाख रुपए से ज़्यादा बिजली की खपत की हो फिर भी ऐसा करना होगा।

इनकम न होते हुए भी इनकम टैक्स लॉ के कई प्रावधान हैं जहां आपको हर साल रिटर्न भरना होता है जरूरी नहीं है की आपकी सैलरी कितनी है, ये कोई मजबूरी नहीं है यह कई बार फायदेमंद होता है।

टैक्स नहीं देते तो क्यों भरें ITR

ये सबसे बड़ा कन्फूज़न है लोगों में कि जब हम इनकम टैक्स देते ही नहीं या देने लायक इनकम नहीं है तो हम काहे ITR डालें? अगर आपकी इनकम 2.5 लाख से ज़्यादा है तो आपको सेक्शन 30 के तहत डेढ़ लाख रुपए तक के इन्वेस्टमेंट में मिलने वाली कटौती के बाद अगर आपकी कोई देनदारी नहीं बनती फिर भी आपको ITR भरना पड़ेगा।

फायदे गिना देते हैं

1. अगर बीते साल आपके बैंक एफडी पर टीडीएस कट गया हो तो उसका रिफंड लेने के लिए रिटर्न भरना ओन्ली ऑप्शन है। अगर आप व्यापारी, ठेकेदार या फिर स्वरोजगार वाले व्यक्ति हैं और किसी भी दफ्तर या विभाग में टीटीएस कटवा दिए हैं तो फिर बिना रिटर्न भरे आपको रिफंड नहीं मिलेगा।

2. बैंक से लोन लेना है तो इसकी एलिजिबिलिटी आपकी इनकम से तय होती है, बैंक आपसे इनकम प्रूफ मांगता है। इसके लिए ITR भरना पड़ता है। ITR भरने से आपके पास इनकम टैक्स का एक प्रूफ मिल जाता है।

3. वीसा देने के लिए कई देश इनकम टैक्स रिटर्न मांगते हैं, ITR ना होने पर वीसा नहीं मिलता।

4. शेयर, म्यूच्यूअल फंड, प्रॉपर्टी की खरीदी-बिक्री में फायदा-नुकसान होतो ITR छूटना नहीं चाहिए,, ऐसा करने पर केपिटल गेन या लॉस की चेन टूट जाती है और हो सकता है आपका रिफंड या राहत भी चूक जाए।

न भरने से जुर्मना लग जाएगा

हां लग जाएगा वो भी 10 हज़ार रुपए का। तीन साल पहले तक ऐसा नहीं होता था लेकिन 2017 में फाइनेंस एक्ट का संशोधन हुआ तो पेनल्टी लगा दी गई। सबको अलग-अलग जुर्मना लगता है. अगर आपकी इनकम 5 लाख से कम है तो रिटर्न में देरी होने पर 1 हज़ार रुपए का जुर्माना लगेगा। मार्च तक रिटर्न भरने वालों को 5 हज़ार का और ना भरने या देरी से भरने पर कुल रुपए का 1% जुर्माना देना पड़ेगा






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