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काले कुत्ते को खिलाते हैं रोटी तो इस बात को जान पड़ जाएंगे आश्चर्य में!

काले कुत्ते को खिलाते हैं रोटी तो इस बात को जान पड़ जाएंगे आश्चर्य में!
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हिंदू धर्म में पेड़ पौधों जानवरों को भी बहुत महत्व दिया जाता है।

हिंदू धर्म में पेड़ पौधों जानवरों को भी बहुत महत्व दिया जाता है।हमारे धर्मशास्त्र में कई ऐसे उपाय बताए गए हैं जिनको अपनाकर हम अपने जीवन को सफल बना सकते हैं। साथ ही जीवन में आ रही परेशानियों को दूर करने में यही पेड़ पौधे और जीव जंतु हमारी सहायता करते हैं। प्रचलित भाषा में इन्हें टोटका कहा जाता है लेकिन यह बहुत कारगर है। आज हम काले कुत्ते के संबंध में प्रचलित मान्यताएं के संबंध में चर्चा करेंगे और यह जानने का प्रयास करेंगे कि अगर हम काले कुत्ते को रोटी खिलाते हैं तो इसका क्या शुभ अशुभ प्रभाव हमारे जीवन में पड़ेगा। साथ ही काले कुत्ते के कॉलोनी का क्या महत्व है इसके संबंध में जानकारी प्राप्त करेंगे।

दूर होता है आकस्मिक मृत्यु का खतरा

हमारे ज्योतिष शास्त्र में काले कुत्ते को पालना शुभ बताया गया है। इसे रोटी खिलाना भी सुबह है। काले कुत्ते को कॉल भैरव की सवारी कहा गया है। इसीलिए कहा गया है कि अगर हम काले कुत्ते की सेवा करते हैं तो काल भैरव प्रसन्न होते हैं।आकस्मिक मृत्यु का खतरा दूर होता है।

दूर होता है कालसर्प दोष

ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है कि अगर किसी के कुंडली में कालसर्प दोष है तो उसे काला कुत्ता पालना चाहिए। बताया गया है कि काला कुत्ता पालने से उसे रोटी खिलाने से कालसर्प दोष दूर हो जाता है। कई बार लोगों को कालसर्प दोष निवारण के लिए पूजा पाठ भी करवाना पड़ता है।

काला कुत्ता पालने के और भी है फायदे

  1. मान्यता है कि से काफी समय से संतान सुख प्राप्त नहीं हो रहा है वह काला कुत्ता पाले तो अवश्य ही लाभ होगा।
  2. अगर आपके संतान की सेहत ठीक नहीं रहती है तो काला कुत्ता पालें।
  3. अगर आप कार्य से मुक्ति चाहते हैं तो काले कुत्ते को प्रतिदिन रोटी खिलाएं। कर्ज से मुक्ति मिलेगी।
  4. काला कुत्ता पालने से घर में किसी भी तरह की प्रेत बाधा नहीं आती है।
  5. मान्यता है की काला कुत्ता पालने से आने वाले संकट दूर रहते हैं। अगर संकट आते भी हैं तो कुत्ता अपने ऊपर ले लेता है।
  6. काले कुत्ते को रोटी खिलाने से शनि और केतु ग्रह का अशुभ प्रभाव समाप्त होता है। जीवन में शुभता बढ़ती है।

नोट-ः उक्त समाचार में दी गई जानकारी सूचना मात्र है। रीवा रियासत समाचार इसकी पुष्टि नहीं करता है। दी गई जानकारी प्रचलित मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। ऐसे में किसी कार्य को शुरू करने के पूर्व विशेषज्ञ से जानकारी अवश्य प्राप्त कर लें।

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