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IDBI Privatization: सरकार और LIC आईडीबीआई बैंक की 61% हिस्सेदारी बेचने वाली है

IDBI Privatization: सरकार और LIC आईडीबीआई बैंक की 61% हिस्सेदारी बेचने वाली है
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IDBI Bank Privatization: आईडीबीआई बैंक का निजीकरण करने के लिए केंद्र सरकार और जीवन बीमा निगम (LIC) अपनी 61% हिस्सेदारी बेच रही है

IDBI बैंक का निजीकरण: सरकार IDBI Bank का प्राइवेटाइजेशन करने वाली है. केंद्र सरकार और जीवन बीमा निगम (LIC) मिलकर आईडीबीआई बैंक की अपनी 60.72% हिस्सेदारी बेचने वाली है. वर्तमान में IDBI Bank में दोनों कि टोटल 94% हिस्सेदारी है. जिसमे केंद्र कि 45.48% और LIC की 49.24% शेयर हैं.

केंद्र सरकार 30.48% हिस्सेदारी बेच देगी

IDBI के 100% शेयर में 48.48% हिस्सेदारी केंद्र सरकार की है. और सरकार अब अपनी 30.48% हिस्सेदारी बेच देगी। यानी IDBI में सरकार की हिस्सेदारी घटकर सिर्फ 10% रह जाएगी। उधर LIC के शेयर 49.24% हैं और LIC अपने 30.24% शेयर बेच देगी। तब LIC के पास IDBI Bank के शेयर घटकर 19% रह जाएगा

IDBI का निजीकरण

IDBI Bank Privatization: यह पहला मौका है जब सरकार किसी पब्लिक सेक्टर से जुड़े किसी बैंक को प्राइवेट करने वाली है. IDBI बैंक के निजीकरण के लिए एक्सप्रेशन ऑफ़ इंटरेस्ट (Eols) जमा करने की लास्ट डेट 16 दिसम्बर है. Eols सिर्फ 180 दिन तक वेलिड होंगे हालांकि इसके बढ़ने की उम्मीद है.

DIPAM के सेक्रेटरी ने ट्वीट करते हुए बताया कि 'IDBI बैंक में विशिष्ट भारत सरकार और LIC हिस्सेदारी के विनिवेशन रणनीति के साथ मैनेजमेंट कंट्रोल के ट्रांसफर के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट इनवाइट किए गए हैं।' यहां विनिवेशन का मतलब सरकार के स्वामित्व वाली संपत्तियों का लिक्विडेशन और बेचना है.

बता दें कि 1968 में IDBI बैंक की स्थापना हुई थी. मौजूदा वक़्त में भारत में IDBI की 1890 ब्रांच हैं और पूरे देश में 3300 से ज़्यादा ATM हैं. मार्च 2021 तक IDBI की बेलेंस शीट 2.97 करोड़ की रही है.

IDBI के प्राइवेटाइज़ेशन से अकाउंट होल्डर का क्या होगा

सरकार और LIC द्वारा IDBI के शेयर बेचने के बाद बैंक के ग्राहकों में इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। उनके जमा पैसे पहले की तरह की सुरक्षित होंगे और उसी रेट ऑफ़ इंटरेस्ट से उन्हें ब्याज भी मिलता रहेगा।

65000 करोड़ जुटाने हैं

सरकार सरकारी संस्थाओं को बेचकर 65000 करोड़ रुपए जुटाना चाहती है. अबतक 24,544 करोड़ रुपए विनिवेशन से सरकार को मिल चुके हैं. जिसमे सबसे ज़्यादा कलेक्शन LIC के शेयर बेचने पर मिले हैं.


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