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किसानो के लिए खुशखबरी! सोयाबीन की नई वैरायटी को NRC से मिली मंजूरी, अब होगा बंपर उत्पादन

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सोयाबीन की तीन नई उन्नत किस्मों को मंजूरी मिली है। प्रदेश के किसान सोयाबीन का पर्याप्त उत्पादन कर मालामाल हो सकेंगे।

मध्य प्रदेश के किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आ रही है। हाल के दिनों में सोयाबीन की तीन नई उन्नत किस्मों को मंजूरी मिली है। प्रदेश के किसान सोयाबीन का पर्याप्त उत्पादन कर मालामाल हो सकेंगे। वैसे तो सोयाबीन बीज की कई वैरायटी बाजार में मौजूद है। लेकिन उनमें कई तरह की समस्याएं किसानों को हो रही थी। ऐसे में अब 3 खास किस्म के सोयाबीन के बीज इंदौर अनुसंधान संस्थान द्वारा तैयार किया गया है।

विकसित की गई नई किस्म

सोयाबीन पर अनुसंधान एवं विकास कार्यक्रमों के लिए भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान इंदौर द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा था। इसी का परिणाम है कि संस्थान में सोयाबीन की तीन नई किस्में विकसित की हैं। जिसमें एनआरसी 157, एनआरसी 131 और एनआरसी 136 है। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा इसे अनुमोदित किया दिया गया है।

एनआरसी 157

सोयाबीन का बेहतर उत्पादन प्राप्त करने के लिए एनआरसी 157 नई किस्म विकसित की गई है। इसकी खासियत यह है कि यह सिर्फ 94 दिन की फसल है। 26.5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर इसका उत्पादन है। साथ में बताया गया है कि अल्टरनेरिया लीफ स्पॉट, बैक्टीरियल पस्ट्यूल और टारगेट लीफ स्पॉट जैसी बीमारियों के लिए बहुत ही प्रतिरोधी बताया गया है।

एनआरसी 131

सोयाबीन की एक और विराटी विकसित की गई है जिसका नाम एनआरसी 131 रखा गया है। 93 दिन में पक कर तैयार हो जाने वाली किस्म है इसमें औसत उपज 25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर और कई तरह की बीमारियों के प्रति प्रतिरोधी है।

एनआरसी 136

सोयाबीन की एक और वैरायटी एनआरसी 136 विकसित की गई है। बताया गया है कि एनआरसी 136 प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र के किसानों के लिए अत्याधिक उत्पादन देने वाली हो सकती है। यह 105 दिन में पक कर तैयार हो जाती है वही सर्वाधिक उत्पादन इसमें 27 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।

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