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गौ-संवर्धन योजना: 10 लाख तक ऋण से शुरू कर सकते हैं स्वयं का व्यापार, मदद कर रही है सरकार

Gau Samvardhan Yojana
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Gau Samvardhan Yojana

आचार्य विद्यासागर गौ-संवर्धन योजना (Acharya Vidyasagar Gau-Samvardhan Yojana MP in Hindi) : पशुपालन विभाग (Animal Husbandry Department) की एक महत्वपूर्ण योजना है 'गौ-संवर्धन योजना'.

आचार्य विद्यासागर गौ-संवर्धन योजना (Acharya Vidyasagar Gau-Samvardhan Yojana MP in Hindi) : पशुपालन विभाग (Animal Husbandry Department) की एक महत्वपूर्ण योजना है 'गौ-संवर्धन योजना'. इस योजना से बेरोजगार युवकों को गौ-पालन के लिए 10 लाख तक का लोन मिलेगा.

गौ-संवर्धन योजना में मार्जिन मनी सहायता के रूप में इकाई लागत का 25 प्रतिशत सामान्य वर्ग के लिये अधिकतम डेढ़ लाख तथा अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति के लिये 33 प्रतिशत अधिकतम दो लाख रूपए प्रदान की जाएगी.

पशुपालक न्यूनतम 5 या इससे अधिक पशु की योजना स्वीकृत करा सकेगा तथा परियोजना की अधिकतम सीमा राशि दस लाख रूपए तक होगी. परियोजना लागत का 75 प्रतिशत राशि बैंक ऋण के माध्यम से प्राप्त करनी होगी तथा शेष राशि की व्यवस्था मार्जिन मनी सहायता एवं हितग्राही का स्वयं के अंशदान के रूप में करनी होगी.

आचार्य विद्यासागर गौ-संवर्धन योजना (Acharya Vidyasagar Gau-Samvardhan Yojana) के तहत इकाई लागत के 75 प्रतिशत पर या हितग्राही द्वारा बैंक से प्राप्त ऋण पर जो भी कम हो 5 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से अधिकतम 25,000 रूपए प्रतिवर्ष ब्याज की प्रतिपूर्ति 7 वर्षों तक विभाग द्वारा की जाएगी.

5% से अधिक शेष ब्याज दर पर ब्याज की प्रतिपूर्ति हितग्राही को स्वयं करना होगी. इस योजना का लाभ सभी वर्ग के लघु एवं सीमांत कृषक ले सकते हैं. हितग्राही के पास 5 पशुओं के लिये न्यूनतम एक एकड़ भूमि होना आवश्यक है तथा पशुओं की संख्या में वृद्धि होने से अनुपातिक रूप से न्यूनतम कृषि भूमि का निर्धारण किया जायेगा.

गौ-संवर्धन योजना का उद्देश्य

आचार्य विद्यासागर गौ-संवर्धन योजना का मुख्य उद्देश्य दुग्ध उत्पादन में वृद्धि, हितग्राहियों की आर्थिक स्थिति मे सुधार लाना, पशुओं की दुग्ध उत्पादन क्षमता में वृद्धि और बेरोजगारों को रोजगार के अवसर प्रदाय करना है.

गौ-संवर्धन योजना के लाभ के लिए किसे पात्रता होगी?

योजना सभी वर्ग के हितग्राहीयों के लिए है. हितग्राही के पास 5 पशुओं हेतु न्यूनतम 1 एकड़ कृषि भूमि होना आवश्यक है तथा पशुओं की संख्या में वृद्धि होने से आनुपातिक रूप से वृद्धि करते हुए न्यूनतम कृषि भूमि का निर्धारण किया जाएगा, मिल्क रूट को क्रियान्वयन को प्राथमिकता होगी, जिसमें सभी वर्ग के सीमान्त एवं लघु कृषक शामिल हो सकेंगे.

गौ-संवर्धन योजनान्तर्गत इकाई लागत

  • पशुपालक न्यूनतम 5 या इससे अधिक पशु की योजना स्वीकृत करा सकेगा तथा परियोजना की अधिकतम सीमा राशि रूपए 10.00 लाख तक होगी .
  • परियोजना लागत का 75 प्रतिशत राशि बैंक ऋण के माध्यम से प्राप्त करनी होगी तथा शेष राशि की व्यवस्था मार्जिन मनी सहायता एवं हितग्राही का स्वयं के अंशदान के रूप में करनी होगी.
  • इकाई लागत के 75 प्रतिशत पर या हितग्राही द्वारा बैंक से प्राप्त ऋण पर जो भी कम हो 5 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से (अधिकतम रू. 25,000 प्रतिवर्ष) ब्याज की प्रतिपूर्ति 7 वर्षों तक विभाग द्वारा की जाएगी. 5 प्रतिशत से अधिक शेष ब्याज दर पर ब्याज की प्रतिपूर्ति हितग्राही को स्वयं करना होगी.

गौ-संवर्धन योजनान्तर्गत मार्जिन मनी सहायता

  • सामान्य वर्ग हेतु परियोजना लागत का 25 प्रतिशत्, अधिकतम रू. 1.50 लाख
  • अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति हेतु परियोजना लागत का 33 प्रतिशत्, अधिकतम रू. 2.00 लाख .

चयन प्रक्रिया

हितग्राहियों का ग्राम सभा में अनुमोदन. ग्राम सभा से अनुमोदित हितग्राहियों का जनपद पंचायत की सभा में अनुमोदन. जनपद पंचायत के अनुमोदन उपरांत जिले के उप संचालक पशुपालन विभाग अनुमोदित प्रकरण को स्वीकृति हेतु बैंक को प्रेषित कर स्वीकृति प्राप्त करेगें.

कहाँ संपर्क करें?

संबंधित जिले के निकटतम पशु चिकित्सा अधिकारी/पशु औषधालय के प्रभारी /उपसंचालक पशु चिकित्सा में संपर्क कर सकते हैं.

Aaryan Puneet Dwivedi | रीवा रियासत

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