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Fertilizers Distribution New Rule: खाद वितरण के लिए नये नियम, अब निर्धारित रकबा के अनुसार होगा वितरण, नहीं होगी खाद की कमी

DAP Fertilizer News
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Fertilizers Distribution New Rule: समय पर खाद न मिलने से एक ओर जहां फसलों की बोनी प्रभावित होती है वहीं उपज में भी अंतर आता है।

Khaad Vitaran Ke Naye Niyam: खरीफ फसलों के लिए लगभग खाद की उपयोगिता न के बराबर रह गई है। सरकार रबी सीजन (Fertilizer For Rabi Season) के लिए किसानों को खाद उपलब्ध करवाने में जुटी हुई है। इसी बीच उत्तर प्रदेश के आगरा जिले से एक बड़ी खबर आ रही है। किसानों को खाद देना (Fertilizer Supply) भी निर्धारित किया जा रहा है। अब आगरा किसानों के लिए निधारित किया गया है कि किस फसल के लिए कितनी खाद दी जायेगी।

क्यों की जा रही यह व्यवस्था

अक्सर देखा गया है कि किसान खाद की कमी से परेशान होते है। समय पर खाद न मिलने से एक ओर जहां फसलों की बोनी प्रभावित होती है वहीं उपज में भी अंतर आता है। ऐसी ही तमाम तरह की समस्याओं को देखते हुए अगर में खाद वितरण के लिए एक नई व्यवस्था (Fertilizer Distribution New Rule) बनाई जानी चाहिए।

क्या है नई व्यवस्था

जानकारी के अनुसार अब किसानों को खाद लेते समय यह यह तय कर बताना होगा कि उसे कितने क्षेत्र के रकबे के लिए तथा किस फसल के लिए खाद चाहिए। ऐसे में खाद सेंटरों से किसानों को निर्धारित मात्रा में खाद दी जायेगी।

क्या हुआ है निर्धारण

नई खाद वितरण व्यवस्था (New Khaad Distribution Rule) के तहत अब प्रति हेक्टेयर आलू के लिए 307 किलो यूरिया, 326 किलो डीएपी, 25 किलो सल्फर, 30 किलो जिंक और 12 किलो बोरान उपलब्ध कराया जाएगा। जबकि गेहूं के लिए 275 किलो यूरिया, 130 किलो डीएपी, 20 किलो सल्फर, 35 किलो जिंक मिलेगा। इसी तरह सरसों के लिए 130 किलो डीएपी प्रति हेक्टेयर तय किया गया है।

ज्यादा खाद डालने से घटती है उर्वरा शक्ति

कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि खेत में अधिक मात्रा में खाद डालने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम हो जाती है। वही फसलों में ज्यादा रासायनिक खाद का उपयोग मानव स्वास्थ्य तथा पर्यावरण के लिए घातक है। ऐसे में किसानो को जागरूक होना चाहिए। वही बताया गया है कि लगातार और ज्यादा मात्रा में खाद का इस्तेमाल करने से फसलें भी कम उपज देने लगती हैं, जिसे देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।

Sandeep Tiwari | रीवा रियासत

Sandeep Tiwari | रीवा रियासत

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