बिज़नेस

अगर पीली पड़ रही गेहूं की पत्तियां तो किसान भाई हो जाएं सावधान! इस तरह करें उपाय तभी होगा लाभ

Wheat Farming Tips
x
Wheat Farming Tips: देश में गेहूं की फसल किसान ज्यादा लगाते हैं। गेहूं की फसल रबी सीजन की मुख्य फसल है।

देश में गेहूं की फसल किसान ज्यादा लगाते हैं। गेहूं की फसल रबी सीजन की मुख्य फसल है। ऐसे में आवश्यक हो जाता है कि किसान गेहूं के फसल की विशेष ध्यान रखें। क्योंकि अगर फसल प्रभावित हुई तो उत्पादन काफी नीचे चला जाता है जिससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ेगा। इन दिनों शिकायत मिल रही है कि गेहूं के फसल की पत्तियां पीली पड़ रही है। इसके कई कारण हो सकते हैं आइए उनके कारण और निवारण के बारे में जानकारी एकत्र करें।

सबसे पहले जाने कारण

अत्याधिक सिंचाई और जलभराव की वजह से भी कई बार गेहूं के पौधे की पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि मिट्टी से नाइट्रोजन की मात्रा कम हो जाती है। आवश्यक है कि सिंचाई के समय विशेष ध्यान रखें। न तो कहीं जलभराव हो और ना ही कई दिनों तक एक ही जगह पानी चलता रहे।

नाइट्रोजन की कमी से भी गेहूं की पत्तियां पीली पड़ने लगती है। कई बार देखा गया है कि पर्याप्त मात्रा में नाइट्रोजन का छिड़काव गेहूं की फसल में पानी देने के बाद ना किया जाए तो यह समस्या उत्पन्न होती है।

ऐसे में आवश्यक है कि गेहूं के फसल की सिंचाई करने के पूर्व प्रति एकड़ 25 से 30 किलो नाइट्रोजन यानी कि यूरिया का छिड़काव करें। मोनियम सल्फेट, अमोनिया नाइट्रेट, एनपीके उर्वरक और कार्बनिक रसायन भी डालें। खाद की इस मात्रा को गेहूं में पानी देने के बाद भी डाला जा सकता है। लेकिन ऐसा तभी करें जब पानी लगाने के पहले खाद न डाली गई हो। ऐसा करने से पौधों का ग्रोथ बढ़ जाता है तो वही पीलापन नहीं आता।

गंधक की कमी की वजह से भी गेहूं के पौधे की पत्तियां पीली दिखाई देने लगती हैं। ऐसे में आवश्यक है कि गंधक युक्त उर्वरक जैसे अमोनियम सल्फेट तथा सिंगल सुपर फास्फेट का उपयोग करना चाहिए। अगर मिट्टी परीक्षण में जिंक की कमी है तो जिंक सल्फेट भी डालें। बताया गया है कि 10 किलोग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से जिंक का उपयोग करना चाहिए। इसका प्रयोग सिर्फ एक बार ही करें।

इन उपायों को करने के बाद अवश्य ही गेहूं के पौधे की पत्तियों में दिखने वाला पीलापन समाप्त हो जाएगा। एक बात का विशेष ध्यान रखें की आवश्यकता के अनुसार ही गेहूं की फसल को पानी देना चाहिए। अगर मौसम में नमी ज्यादा है धूप कम निकल रही है तो पानी देने से पहले जमीन की नमी अवश्य चेक कर ले।

नोट- गेहूं या किसी भी फसल में कोई भी समस्या होने पर कृषि वैज्ञानिकों से सलाह लेकर ही कार्य करें। यह जानकारी सोशल मीडिया में मिली जानकारी पर आधारित है। रियासत समाचार इसकी पुष्टि नहीं करता है।

Sandeep Tiwari | रीवा रियासत

Sandeep Tiwari | रीवा रियासत

    Next Story