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इस देश ने सबसे पहले बिटकॉइन को दी मान्यता, क्या भारत भी देगा मंजूरी?

इस देश ने सबसे पहले बिटकॉइन को दी मान्यता, क्या भारत भी देगा मंजूरी?
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क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन

अल-सल्वाडोर क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को कानूनी रूप से मान्यता देने वाला पहला देश बन गया है.

क्रिप्टोकरेंसी का प्रचलन पूरी दुनिया में काफी तेजी से बढ़ गया है. लेकिन अल-सल्वाडोर के अलावा किसी भी देश ने क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं दी है. अल-सल्वाडोर (El-Salvador) बिटकॉइन (BitCoin) को कानूनी तौर पर मान्यता देने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है.

सेंट्रल अमेरिका का अल-सल्वाडोर (El-Salvador) दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है जिसने Cryptocurrency 'BitCoin' को अपने देश में कानूनी तौर पर मान्यता दे दी है. El-Salvador में 200 बिटकॉइन एटीएम (BitCoin ATM) स्थापित किये गए हैं, जिनसे लोग अमेरिकी डॉलर के बदले बिटकॉइन ले पाएंगे. जून में अल-साल्वाडोर ने एक कानून पारित किया था, जिसमें बिटकॉइन को लीगल टेंडर (Legal Tender) के रूप में स्वीकारने की बात कही थी.

क्या होता है लीगल टेंडर

किसी भी देश में करेंसी को लीगल टेंडर देने का मतलब है कि वह देश उस करेंसी को मान्यता देता है. यानी मान्यता दी हुई करेंसी से आप उस देश में किसी भी तरह की खरीद फरोख्त कर सकते हैं. साल 2016 में 8 नवंबर को भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Indian Prime Minister Narendra Modi) ने जब नोटबंदी का ऐलान किया था तो तब उन्होंने भी लीगल टेंडर शब्द का इस्तेमाल किया था और कहा था कि 500 और हजार के नोट अब लीगल टेंडर नहीं रहेंगे. इसी तरह से अल साल्वाडोर में बिटकॉइन लीगल टेंडर हो गया है.

क्या क्रिप्टो को मान्यता देगी भारत सरकार

रिपोर्ट्स के अनुसार दुनिया भर के देशों में क्रिप्टोकरेंसी का प्रचलन पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ा है. कुछ देशों में प्रतिबंधित होने के बावजूद भी क्रिप्टो में ट्रेडिंग हो रही है. यही हालात भारत में भी है. भारत में भी क्रिप्टो ट्रेडिंग करने वालों की संख्या काफी ज्यादा है. पर अभी तक भारत सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अपना रुख साफ़ नहीं किया है. न ही इसे मान्यता दी है और न ही प्रतिबंधित किया है. माना जा रहा है की सरकार क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई बड़ा फैंसला लेने की तैयारी में है. खैर, भारत में क्रिप्टोकरेंसी लीगल हो या नहीं लेकिन सेंट्रल अमेरिका का देश अल-सल्वाडोर बिटकॉइन क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता देने वाला पहला देश बन गया है.

सरकार के सामने यह परेशानी

दरअसल, क्रिप्टोकरेंसी डि-सेंट्रलाइज्ड होती है. यानी इसमें किसी सरकार या किसी का आधिपत्य नहीं होता. इस वजह से किसी भी देश की सरकार इसे कंट्रोल नहीं कर सकती है. दुनिया भर के देशों की सरकारों के सामने यही सबसे बड़ी समस्या है. हाल ही में देखा गया है की क्रिप्टोकरेंसी के जरिए अवैध लेनदेन और अवैध हथियारों की खरीदी विक्री हो रही है. इस वजह से अभी सभी देश इस पर गहन रिसर्च कर रहें हैं.

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