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Cheapest Education Loan: इन बैंको से प्राप्त करें 7% से भी कम ब्याज की दरों पर एजुकेशन लोन

Cheapest Education Loan: इन बैंको से प्राप्त करें 7% से भी कम ब्याज की दरों पर एजुकेशन लोन
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Education Loan: लोन से पढ़ाई का पूरा खर्च कवर हो जाता है और लोन अदा करने और पढ़ाई खत्म होने के बीच बैंकों द्वारा कुछ समय भी प्रोवाइड कराया जाता है, जिससे नौकरी लग सके और उसके बाद स्टूडेंट्स रीपेमेंट करें।

Cheapest Education Loan: आजकल बढ़ती महंगाई (Inflation) के चलते अच्छी पढ़ाई के लिए अच्छे पैसों की भी जरूरत होती है, जिसके लिए बहुत से वित्तीय संस्थान और बैंकों के द्वारा लोन प्रदान किए जाते हैं। हाल ही में अधिकतर बैंकों ने लोन की ब्याज दरें बढ़ाई हैं लेकिन अभी भी कुछ ऐसी बैंक के हैंड जो विद्यार्थियों को 7% से भी कम ब्याज दरों पर लोन प्रोवाइड करा रही हैं। इस तरह के लोन से पढ़ाई का पूरा खर्च कवर हो जाता है और लोन अदा करने और पढ़ाई खत्म होने के बीच बैंकों द्वारा कुछ समय भी प्रोवाइड कराया जाता है, जिससे नौकरी लग सके और उसके बाद स्टूडेंट्स रीपेमेंट करें। इसके अलावा एजुकेशन लोन (Education Loan) पर टैक्स डिडक्शन का भी लाभ मिलता है, आइए आपको बताते हैं उन बैंकों के बारे में जो सस्ती दरों पर एजुकेशन लोन उपलब्ध करा रही हैं:

इन बैंकों से प्राप्त करें 7% से भी कम ब्याज की दरों पर एजुकेशन लोन

एजुकेशन लोन (Education Loan) के लिए स्टूडेंट्स ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों माध्यमों का उपयोग कर सकते हैं। Education loan लेने से पहले विभिन्न बैंकों की तुलना कर लेनी चाहिए, इसके बाद ही कोई और फैसला लेना चाहिए। कुछ बैंकों के द्वारा specific loan amount तक प्रोसेसिंग फीस भी नही ली जाती है और अगर स्टूडेंट अपने पैरंट्स के साथ मिलकर लोन ले रहा है तो 7.50 लाख रूपए तक किसी भी प्रोसेसिंग फीस की जरूरत नहीं होती। आइए आपको बताते हैं उन बैंकों के बारे में जहां आप 7% से भी कम ब्याज की दरों पर लोन प्राप्त कर सकते हैं:

● सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (Central Bank Of India) में स्टूडेंट लोन लेने पर 6.70% की ब्याज दरें लगती है।

● स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (State Bank Of India) और इंडियन ओवरसीज बैंक (Indian Overseas Bank) दोनों ही स्टूडेंट लोन पर 7.25% की ब्याज दरें प्रोवाइड कराती है।

● केनरा बैंक में 7.30% की ब्याज दरें है।

मिलता है 15 वर्ष का रीपेमेंट पीरियड

एजुकेशन खत्म होने के बाद तुरंत ही रीपेमेंट की अवधि शुरू नहीं होती बल्कि एक निश्चित अवधि दी जाती है कर्ज चुकाने के लिए जिसे मोरेटोरियम पीरियड (Moratorium period) कहते हैं। पढ़ाई के बाद जॉब ढूंढने के लिए भी एक निश्चित अवधि दी जाती है उसके बाद रीपेमेंट शुरू करना होता है। मोरेटोरियम पीरियड जब खत्म हो जाता है उसके 15 वर्षों के अंदर अंदर कर्ज चुकता करना होता है।

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