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सुबह-सुबह उठते ही करें इन मंत्रों का जाप, सफलता चूमेगी आपके कदम, पलभर में बन जायेंगे बड़े आदमी, सभी करेंगे सलाम

सुबह-सुबह उठते ही करें इन मंत्रों का जाप, सफलता चूमेगी आपके कदम, पलभर में बन जायेंगे बड़े आदमी, सभी करेंगे सलाम
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हमारे वेदों में शास्त्रों में कई तरह के मंत्र बताए गए हैं। जिनका अगर जीवन में सार्थक उपयोग किया जाए तो सुख शांति और समृद्धि प्राप्त होती है।

हमारे वेदों में शास्त्रों में कई तरह के मंत्र बताए गए हैं। जिनका अगर जीवन में सार्थक उपयोग किया जाए तो सुख शांति और समृद्धि प्राप्त होती है। हमारे पूजा पद्धति में बताया गया है कि सुबह-सुबह जगने पर कुछ मंत्रों का जाप करना चाहिए तो का जाप करने से आपका दिन प्रसन्नता पूर्वक व्यतीत होगा। साथ ही उन्नति दायक दिन होता है। आज हम इन मंत्रों के बारे में बताने जा रहे हैं। जिनका जाप करना उत्तम बताया गया है।

मंत्रों में होती है शक्ति

मंत्रों में कई तरह की शक्ति होती है इन मंत्रों का प्रभाव भी असरकारक होता है। आज हम आपको 13 मंत्र बताने जा रहे हैं। इन मंत्रों का जाप प्रातः जगने के पश्चात करना चाहिए। अगर ना हो सके तो कम से कम एक मंत्र का जाप अवश्य करें।

हांथ देखते हुए यह मंत्र बोलें

कराग्रे वसते लक्ष्मीः कर मध्ये सरस्वती।
करमूले गोविन्दाय, प्रभाते कर दर्शनम्।

हाथ जोड़कर इन मंत्रों को बोलें

1 ओम मंगलम् भगवान विष्णुः मंगलम् गरूड़ध्वजः।
मंगलम् पुण्डरीकांक्षः मंगलाय तनो हरि।।

2 गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु, गुरुर्देवो महेश्वरः।
गुरु साक्षात् परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नमः

3 सीताराम चरण कमलेभ्योनमः राधा-कृष्ण-चरण कमलेभ्योनमः।

4 करारविन्देन पदारविन्दं, मुखारविन्दे विनिवेशयन्तम्।
वटय पत्रस्य पुटेशयानं, बालं मुकुन्दं मनसा स्मरामि।।

5 रामाय रामभद्राय रामचंद्राय वेधसे
रघुनाथाय नाथाय सीतापतये नमः।

6 श्री रामचंद्र चरणौ मनसास्मरासि,
श्री रामचंद्र चरणौ वचसा गृणोमि।
श्री रामचंद्र चरणौ शिरसा नमामि,
श्री रामचंद्र चरणौ शरणम् प्रपद्धेः।।

7 माता रामो मम् पिता रामचन्द्रः

स्वामी रामो ममत्सखा सखा रामचन्द्रः
सर्वस्व में रामचन्द्रो दयालु नान्यं जाने नैव जाने न जाने।

8 दक्षिणे लक्ष्मणो यस्त वामेच जनकात्मजा,
पुरतोमारुतिर्यस्य तं वंदे रघुनंदम्।

9 लोकाभिरामं रण रंग धीरं राजीव नेत्रम् रघुवंश नाथम्।
कारुण्य रूपम् करुणा करम् श्री रामचंद्रम शरणं प्रपद्ये।

10 आपदा मम हरतारं दातारम् सर्व सम्पदाम्

लोकाभिरामम् श्री रामम् भूयो भूयो नमाम्यहं।

11 त्वमेव माता च पिता त्वमेव। त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव।
त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव। त्वमेव सर्वम् ममदेव देव।

12 राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमैः सहस्त्रनाम तत्तुल्यं श्री रामनाम वरानने।

नोट- यह सामान्य जानकारी है और मान्यताओं पर आधारित है। रीवा रियासत न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता है। विशेषज्ञ से सलाह भी लें।

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