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मरने के बाद कैसे निकलते है शरीर से प्राण, चीख-चीख कर आत्मा क्यों रोती है, जानकर रह जाएंगे हैरान

मरने के बाद कैसे निकलते है शरीर से प्राण, चीख-चीख कर आत्मा क्यों रोती है, जानकर रह जाएंगे हैरान
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मृत्यु के संबंध में आज भी गरुण पुराण में बताई हुई बातों पर ही विश्वास किया जाता है।

मृत्यु के संबंध में आज भी गरुण पुराण में बताई हुई बातों पर ही विश्वास किया जाता है। क्योंकि विज्ञान भले ही कितनी उन्नति कर लिया हो लेकिन मौत के बाद के रहस्यों के संबंध में आज भी कुछ जानकारी नहीं है। गरुण महापुराण मे मृत्यु से जुड़ी हुई बातों पर अगर ध्यान दिया जाए तो पता चलता है कि जन्म मृत्यु, पाप पुण्य तथा स्वर्ग नरक जैसे रहस्य से पर्दा उठता है। साथ ही पता चलता है कि मृत्यु के बाद निकलने वाला प्राण कहां जाता है, उसके साथ कैसे बर्ताव होते हैं। आज हम इन्हीं सब बातों पर चर्चा करेंगे।

क्या होता है मृत्यु के समय

गरुड़ पुराण में बताया गया है कि मृत्यु के समय व्यक्ति अवाक हो जाता है। वह चाह कर भी कुछ बोल नहीं पाता है। बताया गया है कि ऐसा इसलिए होता है की मृत्यु के अंतिम क्षणों में व्यक्ति यमदूतों को देख पाता है। जिसके बाद वह डरने लगता है। यमदूतों के प्रभाव से व्यक्ति के आस-पास खड़े लोग दिखाई नहीं देते हैं।

होता है बेहद कष्ट

कहा जाता है की जब यमदूत व्यक्ति के प्राण निकालते हैं उस समय बेहद कष्ट होता है। उस समय व्यक्ति छटपटाता भी है। लोग सांत्वना देने का प्रयास करते हैं लेकिन व्यक्ति उसे महसूस नहीं कर पाता। यमदूत आत्मा को लेकर यमलोक जाते हैं। साथ ही रास्ते में उसे चाबुक से पीटते हैं। यमलोक में मिलने वाली सजा के बारे में बताते हैं।। जिसके बाद वह और अधिक डर के मारे भागती है।

घर की ओर भागती है आत्मा

मृत्यु के बाद यमदूत पहले मृतक की आत्मा को लेकर यमलोक जाते हैं जहां यमराज से अनुमति लेकर वह अपने घर की ओर भागता है। घर में उसे रोते बिलखते परिजन मिलते हैं। जिन्हें वह समझाने का प्रयास करता है लेकिन कोई उसे देख नहीं पाता।

अवश्य करें पिंडदान

यमलोक में स्थान न मिलने से आत्मा वापस यमलोक जाती है। जहां से उसे परिजनों के द्वारा दिया जाने वाला पिंड दान प्राप्त होता है। इसीलिए हमारे गरुण पुराण में बताया गया है कि मृत्यु के बाद 10 दिनों तक पिंडदान अवश्य करना चाहिए।

नोट-ः उक्त समाचार में दी गई जानकारी सूचना मात्र है। रीवा रियासत समाचार इसकी पुष्टि नहीं करता है। दी गई जानकारी प्रचलित मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। ऐसे में किसी कार्य को शुरू करने के पूर्व विशेषज्ञ से जानकारी अवश्य प्राप्त कर लें।

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