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ABG Shipyard Scam: देश में बैंकिंग का सबसे बड़ा स्कैम 'ABG शिपयार्ड घोटाला' कैसे पकड़ में आया

ABG Shipyard Scam: देश में बैंकिंग का सबसे बड़ा स्कैम ABG शिपयार्ड घोटाला कैसे पकड़ में आया
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ABG Shipyard Scam: ABG शिपयार्ड घोटाला देश का सबसे बड़ा बैंकिंग स्कैम है सीबीआई ने कई लोगों पर धोखाधड़ी का आरोप लगया है

ABG Shipyard Scam: देश में अबतक के इतिहास का सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला उजागर हुआ है, इस बार जो बैंकिंग स्कैम हुआ है उसमे नीरव मोदी के PNB और विजय माल्या के SBI बैंक स्कैम कुछ भी नहीं है। गुजरात की ABG शिपयार्ड कंपनी और उसके पूर्व चेयरमैन ऋषि कमलेश अग्रवाल सहित अन्य 28 बैंको के साथ सीबीआई ने 22,842 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का आरोप लगाया है, और FIR दर्ज की है।

क्या है ABG शिपयार्ड घोटाला (What Is ABG Shipyard Scam)

यह देश का अबतक का सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला है। घोटाला करने वाली आरोप कंपनी ABG शिपयार्ड है। इस कंपनी की शुरुआत 1985 को गुजरात के सूरत में हुई थी. ABG शिपयार्ड समुद्री जहाज बनाने और उनकी मरम्मत का काम करती है. साल 1991 तक कंपनी मुनाफे में रही लेकिन इसके बाद कंपनी की माली हालत खराब होने लगी. साल 2001 में ABG शिपयार्ड ने 28 बैंकों के कॉन्सोर्टियम से 22,824 करोड़ रुपए का लोन लिया और 10 साल तक कंपनी ने 160 जहाजों का निर्णाम और मेंटेनेंस किया। साल 2013 में इस लोन अकाउंट को नॉन परफार्मिंग असेट घोषित कर दिया गया था।

ये देश का सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला क्यों है

इससे पहले देश में बैंकों के साथ कई बड़े घोटालों को अंजाम दिया गया। SBI स्कैम 1922, फिर नीरव मोदी का PNB बैंक घोटाला जिसमे नीरव मोदी ने PNB को 14 हज़ार करोड़ का चूना लगया, विजय माल्या ने भी SBI सहित कई बैंकों से 9 हज़ार करोड़ रुपए लुटे और अब ABG शिपयार्ड ने 22,824 करोड़ का स्कैम कर दिया।

ABG शिपयार्ड को देश के 28 बैंकों ने कंसोर्टियम लोन दिया था. इसकी अगुवाई ICICI ने की थी और सबसे ज़्यादा लोन अमाउंट 7,089 करोड़ आईसीआईसीआई ने ही दिए थे। IDBI ने 3634 करोड़, SBI ने 2925 करोड़, बैंक ऑफ़ बड़ोदा ने 1614 और PNB ने 1244 करोड़ सहित इंडियन ओवरसीज बैंक ने 1228 करोड़ रुपए का लोन दिया था। इसी के साथ LIC ने भी 136 करोड़ रुपए का लोन दिया था।

कैसे पकड़ में आया घोटाला

साल 2001 में कंपनी ने लोन लिया और 2013 में ABG शिपयार्ड लॉस में चलने लगी. कंपनी ने बैंकों का लोन चुकाना बंद कर दिया और नॉन परफार्मिंग असेट (NPA) घोषित हो गई. इसके बाद कंपनी ने खुद को दोबारा खड़ा करने की कोशिश की लेकिन ऐसा नहीं हो सका. साल 2016 में फिर से 2013 वाले लोन को NPA माना गया, अप्रेल 2018 में लोन देने वाले बैंकों ने अर्न्स्ट एंड यंग (EY) को इस घोटाले की फोरेंसिक ऑडिट करने की जिम्मेदारी दी। EY ने अपनी रिपोर्ट 2019 में बैंकों को पेश की.
जांच में पता चला कि ABG शिपयार्ड ने लोन में लिए पैसों के साथ फ्रॉड किया है। लोन के पैसों का इस्तेमाल कहीं और किया जाना भी पाया गया। इसके बाद बैंकों ने साल 2019 में सीबीआई से इसकी शिकायत की। सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने मार्च 2020 को कुछ स्पष्टीकरण माँगा और 2020 में दूसरी शिकायत दर्ज की गई। इस मामले में डेढ़ साल तक जांच चली और अब जाकर बीते शनिवार को मामले की FIR दर्ज हुई।

इस मामले के आरोपी कौन हैं

इस मामले में सीबीआई ने कम्पनी के पूर्व CMD ऋषि कमलेश अग्रवाल और तत्कालीन कार्यकारी निदेशक संथानम मुथुस्वामी और तीन अन्य निदेशक अश्विनी कुमार, सुशील कुमार अग्रवाल और रवि विमल नेवतिया को आरोपी बनाया है। आरोप सिद्ध होने के बाद इन सभी आरोपियों को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई जा सकती है।

कहां हैं ऋषि कमलेश अग्रवाल (Where Is Rishi Kamlesh Agarwal)

इस मामले का खुलासा होने के बाद आरोपी ऋषि कमलेश अग्रवाल का कोई पता नहीं है, सीबीआई आरोपी की तलाश में जुटी हुई है। हालांकि कांग्रेस का आरोप है कि मुख्य आरोपी ऋषि कमलेश अग्रवाल देश छोड़ कर भाग चुका है। ठीक वैसे ही जैसे नीरव मोदी और विजय मालया ने देश के बैंकों को चूना लगाने के बाद फरार हो गए थे।


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