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बन रहा विशेष संयोग, 7 दिन बाद पृथ्वी पर आने वाले हैं भगवान, आप भी करें ऐसे दर्शन

बन रहा विशेष संयोग, 7 दिन बाद पृथ्वी पर आने वाले हैं भगवान, आप भी करें ऐसे दर्शन
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Magh Purnima 2022 : भगवान के बारे में तो बहुत सुना हुआ है। ऐसे में भगवान का दर्शन कौन नहीं करना चाहता। लेकिन धर्म शास्त्रों में बन रहे संयोग पर अगर विश्वास किया जाए तो मात्र 7 दिन बाद पृथ्वी पर भगवान आने वाले हैं।

Magh Purnima 2022 : भगवान के बारे में तो बहुत सुना हुआ है। ऐसे में भगवान का दर्शन कौन नहीं करना चाहता। लेकिन धर्म शास्त्रों में बन रहे संयोग पर अगर विश्वास किया जाए तो मात्र 7 दिन बाद पृथ्वी पर भगवान आने वाले हैं। यह बात हमारे शास्त्रों में लिखी गई है। अगर आप भी भगवान का सानिध्य प्राप्त करना चाहते हैं, उनका आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं या फिर अपना भाग्योदय चाहते हैं तो आप भी इस मौके पर अवश्य पहुंचे। पंचांगो में बन रहे संयोग से यह बताया गया है कि माघ मास की पूर्णिमा तिथि को देवलोक से देवता गण पृथ्वी पर पवित्र त्रिवेणी में स्नान करने के लिए आते हैं। माघ पूर्णिमा के स्नान को इसी वजह से श्रेष्ठ बताया गया है। इस दिन स्नान जान करने का अपना विशेष महत्व है।

है पौराणिक मान्यता

कहा गया है कि माघ पूर्णिमा के दिन जो भी व्यक्ति त्रिवेणी में स्नान कर दान करता है उसे बैकुंठ की प्राप्ति होती है। पूर्णिमा के दिन गंगा नदी में स्नान करना शुभ बताया गया है। पौराणिक मान्यता है कि इस दिन देवता भी स्नान करने के लिए पृथ्वी पर आते हैं।

कब है पूर्णिमा

पंचांग के अनुसार 16 फरवरी 2022 को सुबह 9ः42 बजे पूर्णिमा तिथि प्रारंभ होकर 16 फरवरी की रात 10ः55 बजे तक समाप्त होगी। वही बताया गया है कि दोपहर 12ः35 से लेकर दोपहर 1ः59 बजे तक राहुकाल है। ऐसे में शुभ कार्य करना वर्जित है।

सबसे पवित्र मास है माघ मास

12 महीनों में माघ मास को सबसे पवित्र बताया गया है। यह बात भगवान श्री कृष्ण ने गीता के उपदेश में कहा है। उनका कहना है कि जिस तरह से वृक्षों में मैं पीपल हूं वैसे में 12 मासों में मैं माघ मास हूं। माघ मास की पूर्णिमा में सभी देवता स्वर्ग से पृथ्वी पर खासतौर पर त्रिवेणी में आकर निवास करते हैं।

माघ मास में देवो की आराधना करने से शुभ फल प्राप्त होता है। इसीलिए लोग माघ मास में प्रयागराज में जाकर 1 माह तक कल्पवास कर पुण्य अर्जित करते है। अगर ऐसा न कर सकें तो पूर्णिमा पर अवश्य ही स्नान करने के लिए जाना चाहिए।

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