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शेफाली जरीवाला की मौत और डोरियन ग्रे की कहानी | Shefali Jariwala Death & Dorian Gray Truth

शेफाली जरीवाला की मौत और डोरियन ग्रे की कहानी | Shefali Jariwala Death & Dorian Gray Truth
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Shefali Jariwala death cause ने एक बार फिर सोचने पर मजबूर किया है कि क्या खूबसूरत दिखने की चाह इंसान को धीरे-धीरे खत्म कर रही है?

शेफाली जरीवाला की मौत और डोरियन ग्रे की कहानी - एक अजीब समानता

27 जून 2025 को शेफाली जरीवाला की अचानक हुई मौत ने इंटरनेट और मीडिया को झकझोर दिया। ख़बरें आईं कि उन्होंने व्रत के दौरान खुद को जवान बनाए रखने के लिए ग्लूटाथ‍ियोन और विटामिन C जैसे एंटी-एजिंग इंजेक्शन लिए थे। यह मामला केवल एक सेलिब्रिटी की मौत नहीं, बल्कि एक खतरनाक ट्रेंड की ओर इशारा करता है, जिसे कई लोग "डोरियन ग्रे सिंड्रोम" भी कह रहे हैं।

कौन था डोरियन ग्रे और क्यों चर्चा में है उसकी कहानी?

1890 में ऑस्कर वाइल्ड ने The Picture of Dorian Gray नाम की नॉवल लिखी थी, जिसमें एक बेहद सुंदर युवक डोरियन ग्रे अपनी खूबसूरती बनाए रखने के लिए आत्मा बेच देता है। असल में वह बाहर से हमेशा जवान दिखता है, लेकिन उसका असली चेहरा, जो एक चित्र में कैद होता है, धीरे-धीरे सड़ता रहता है।

क्या आज का समाज डोरियन ग्रे बन गया है?

-सोशल मीडिया पर यंग और खूबसूरत दिखना एक status symbol बन चुका है।

-रेटिनॉल क्रीम से लेकर बायोहैकिंग तक, हर व्यक्ति जवानी की तलाश में है।

-टीनएजर्स तक इंस्टाग्राम पर स्किन ट्रीटमेंट्स और स्किन बूस्टर्स का प्रचार कर रहे हैं।

शेफाली जरीवाला की मौत का कारण - एंटी-एजिंग इंजेक्शन

Sources के अनुसार:

-ग्लूटाथ‍ियोन और विटामिन C इंजेक्शन लेने से उनका BP अचानक गिर गया।

-हार्ट अटैक आया और जान चली गई।

-यह इंजेक्शन भारत में CDSCO द्वारा अप्रूव्ड नहीं है और अमेरिका में भी FDA ने इसकी अनुमति नहीं दी।

डॉक्टर क्या कहते हैं - ये ट्रीटमेंट कितना सुरक्षित है?

डॉ. चांदनी जैन (Dermatologist, Delhi):

-Botox, Fillers, HIFU जैसे ट्रीटमेंट्स की डिमांड बहुत बढ़ गई है लेकिन ये तभी सुरक्षित हैं जब एक्सपर्ट के गाइडेंस में हों।”

डॉ. महनाज जहां बेगम (Aesthetic Expert):

अनजाने में कराए गए ट्रीटमेंट से हार्मोनल असंतुलन, हार्ट अटैक और यहां तक कि जान जाने का खतरा हो सकता है।

बायोहैकिंग की सच्चाई - विज्ञान या जोखिम?

Bryan Johnson, जो कि 47 की उम्र में 18 साल का शरीर पाने का दावा करते हैं, बायोहैकिंग की दुनिया के सबसे चर्चित नाम हैं।

बायोहैकिंग का मतलब: अपने शरीर को साइंस और टेक्नोलॉजी से मॉडिफाई करना।

इसमें सप्लीमेंट्स, इंजेक्शन, हार्मोन थेरेपी, स्लीप साइकल कंट्रोल शामिल हैं।

चेतावनी:

डॉक्टर्स मानते हैं कि यह ट्रेंड युवाओं में गलत मानसिकता फैला रहा है और गंभीर खतरे पैदा कर सकता है।

समाजिक दबाव और युवाओं की मानसिकता

Neuroscientist कुमार बागरोडिया के अनुसार:

हमारा दिमाग जवान रहने को “रिवॉर्ड” मानता है। जब समाज यंग चेहरों को ज़्यादा महत्व देता है, तो ब्रेन उसी को आइडियल बनाता है।

यही कारण है कि 14 साल की उम्र में ही लड़कियां रेटिनॉल, स्किन पील्स और बोटॉक्स पर विचार कर रही हैं।

एजिंग को अपनाना ज़रूरी क्यों है?

उम्र के साथ बदलाव आना स्वाभाविक है।

जवानी की चाह जब जुनून बन जाए, तब वह जीवन को खतरे में डाल सकती है।

असली सुंदरता आत्म-स्वीकृति और स्वास्थ्य में होती है, न कि इंजेक्शनों में।

FAQs

Q1. शेफाली जरीवाला की मौत का असली कारण क्या था?

A. रिपोर्ट्स के मुताबिक व्रत के दौरान लिए गए एंटी-एजिंग इंजेक्शन्स के कारण ब्लड प्रेशर गिरा और हार्ट अटैक आया।

Q2. क्या ग्लूटाथ‍ियोन इंजेक्शन सुरक्षित है?

A. नहीं, भारत में यह CDSCO द्वारा अप्रूव्ड नहीं है और FDA ने भी इसकी अनुमति नहीं दी है।

Q3. क्या बायोहैकिंग भारत में लीगल है?

A. अभी तक भारत में बायोहैकिंग पर स्पष्ट नियम नहीं हैं, लेकिन डॉक्टर इसे जोखिम भरा मानते हैं।

Q4. क्या रेटिनॉल 14 साल की उम्र में इस्तेमाल करना सुरक्षित है?

A. Dermatologists इसे अत्यधिक युवा उम्र में इस्तेमाल करने से मना करते हैं।

Q5. The Picture of Dorian Gray का समाज पर क्या असर है?

A. यह नॉवल आज भी लोगों को बताती है कि बाहरी सुंदरता के पीछे भागना अंत में आत्मा को खत्म कर सकता है।

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