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Adipurush को Ban करने के लिए Delhi High Court में लगी याचिका? क्या हाईकोर्ट फिल्म बैन कर सकता है?

Adipurush को Ban करने के लिए Delhi High Court में लगी याचिका? क्या हाईकोर्ट फिल्म बैन कर सकता है?
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आदिपुरुष को बैन करने के लिए हिन्दू सेना ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका लगाई है

Plea in Delhi High Court to ban Adipurush: आदिपुरुष फिल्म में हनुमान जी के किरदार को टपोरियों जैसे डायलॉग्स सुनने देख पब्लिक भड़क गई है. सोशल मीडिया में Adipurush को लेकर दर्शक Om Raut और Manoj Muntashir को गरिया रहे हैं. तो इधर हिन्दू सेना ने दिल्ली हाईकोर्ट में आदिपुरुष को बैन करने की याचिका लगा दी है. हिन्दू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने मांग उठाई है कि इस फिल्म से लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं. Adipurush में हमारे आराध्य और अन्य देवी-देवताओं का गलत तरीके से चित्रण किया गया है जो कि आपत्तिजनक है. इसी लिए इस फिल्म की स्क्रीनिंग पर रोक लगनी चाहिए।

आदिपुरुष के डायलॉग्स से लोगों को आपत्ति

Adipurush के घटिया VFX से भी ज्यादा बेहूदा इस फिल्म के डायलॉग है. Om Raut ने बेकार निर्देशन ने रामायण जैसे महाकाव्य की मर्यादा को तार-तार कर दिया है और डायलॉग राइटर मनोज मुन्तशिर ने तो गरिमा की धज्जियाँ उड़ा दी हैं.

आदिपुरुष के डायलॉग्स

  • कपड़ा तेरे बाप का! तेल तेरे बाप का! जलेगी भी तेरे बाप की।
  • तेरी बुआ का बगीचा है क्या जो हवा खाने चला आया।
  • जो हमारी बहनों को हाथ लगाएगा उनकी लंका लगा देंगे।
  • आप अपने काल के लिए कालीन बिछा रहे हैं।
  • मेरे एक सपोले ने तुम्हारे शेषनाग को लंबा कर दिया अभी तो पूरा पिटारा भरा पड़ा है।

क्रिएटिविटी के नाम पर बेहूदा चीज़ें करने पर फिल्म मेकर्स ट्रॉल हो रहे हैं. लेकिन ऐसे लोगों के लिए ट्रोलिंग काफी नहीं है. इस फिल्म को बैन किया जाना चाहिए। लोगों की यही मांग है.

क्या हाईकोर्ट फिल्म बैन कर सकता है?

एक बात स्पष्ट है कि देश में सेंसर बोर्ड और केंद्र सरकार के अलावा किसी भी संस्था या सरकार के पास किसी फिल्म को बैन करने की पॉवर नहीं होती है. फिल्म मेकर्स ने आदिपुरुष के डिस्क्लेमर में लिखा है कि Adipurush रामायण नहीं है, बल्कि उससे इंस्पायर्ड है. इस फिल्म में होने वाली घटनाएं वास्तविक रामयण से जुडी नहीं हैं. यह सिर्फ कल्पना है क्योंकी वाल्मीकि रामायण के बाद कई लोगों ने रामायण के कई वर्जन लिखे हैं.

आदिपुरुष को बैन करने के लिए हाईकोर्ट के पास जाना वक़्त की बर्बादी है. हाईकोर्ट कभी किसी फिल्म को बैन करने का आदेश नहीं दे सकता।




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