भोपाल

फीस न दे पाने वाले छात्रों का परीक्षा परिणाम नहीं रोक सकते विद्यालय...

फीस न दे पाने वाले छात्रों का परीक्षा परिणाम नहीं रोक सकते विद्यालय...
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भोपाल। छात्रों को बेहतर शिक्षा मिले इसके लिए सरकार प्रयासरत है। कोरोना की वजह से प्रभावित हुई लोगों की आमदनी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने कई निर्णय लिए हैं। सरकार ने यह निर्णय सुप्रीमकोर्ट के फेसले के आधार पर तैयार किया है। जिसमें कहा गया है कि फीस न दे पाने वाले छात्रों का परीक्षा परिणाम विद्यालय नहीं रोक सकते हैं। वह इसके पहले भी कई व्यवस्था दी गई थी। 

भोपाल। छात्रों को बेहतर शिक्षा मिले इसके लिए सरकार प्रयासरत है। कोरोना की वजह से प्रभावित हुई लोगों की आमदनी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने कई निर्णय लिए हैं। सरकार ने यह निर्णय सुप्रीमकोर्ट के फेसले के आधार पर तैयार किया है। जिसमें कहा गया है कि फीस न दे पाने वाले छात्रों का परीक्षा परिणाम विद्यालय नहीं रोक सकते हैं। वह इसके पहले भी कई व्यवस्था दी गई थी।

सरकार ने विद्यालयों को एक गाइडलाइन जारी करते हुए छात्रों के अभिभावकों को एक बडी राहत दी है। प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने अपने आदेश पर कहा है कि विद्यायल छात्रों के साथ नरमी से पेश आयें। यह उनके भविष्य का सवाल है।

इसके पहले फीस वसूली को लेकर भी सरकार ने गाइडलाइन तैयार की थी। जिसतें कहा गया था कि निजी विद्यालय छात्रों से जबरन फीस नहीं वसूल सकते। छात्रों को किस्तों में फीस जमा करने की व्यवस्था दी गई है। वही अब यह भी कहा गया है कि फीस न जमा होने पर रिजल्ट नहीं रोका जा सकता।

वहीं सरकार ने छात्रों के परिजनों से कहा है कि वह किस्तों में फीस जमा करें। अगर किसी कारण से फीस नहीं जमा कर पा रहे हैं तेा एक लिखित आवेदन कारण सहित विद्यालय में जमा करें। इस पर विद्यालय को विचार करना ही होगा। विद्यालय मनमानी कर फीस नही वसूल सकते।

कोरोना के समय में फीस के लिए बच्चों पर दबाव बनाने सीबीएसई विद्यालयों द्वारा फोन किया जा रहा था। जिस पर एक याचिका परिजनों द्वारा लगाई गई थी। इस सुप्रीम कोर्ट ने एक गाइडलाइन बना दी है।

जानकारी के अनुसार कोर्ट ने कहा है कि छात्रों की बकाया फीस अभिभावक से किस्तों जमा कर सकते हैं। वहीं अगर किसी कारण से फीस की किस्त नही चुकाया जा सका तेा स्कूल छात्र को ऑनलाइन या भौतिक क्लास में शामिल होने से नहीं रोक सकता।

वहीं कहा गया कि फीस न चुका पाने पर परीक्षा परिणाम भी विद्यालय नहीं रोके जा सकते है। अगर ऐसा किया जाता है तेा स्कूल पर कार्रवाई कर उसकी मान्यता भी रद्द की जा सकती है।

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