भोपाल

भोपाल एक्सप्रेस के AC कोच में टीटीई ने यूपीआई के माध्यम से ली 3 हजार की रिश्वत, सस्पेंड

भोपाल एक्सप्रेस के AC कोच में टीटीई ने यूपीआई के माध्यम से ली 3 हजार की रिश्वत, सस्पेंड
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MP Bhopal News : टीटीई ने अपने पेटीएम एकाउंट में तीन हजार रूपए ट्रांसफर करवाकर दो यात्रियों को यात्रा करवा रहा था। जब विजिलेंस टीम ने ट्रेन की बर्थ में जाकर यात्रियों से पूछताछ की तो उनके पास से टिकट नहीं मिला।

MP Bhopal News : टीटीई द्वारा रेल यात्रियों से रिश्वत लेकर रेल यात्रा कराया जाना कोई नई बात नहीं है। लेकिन रेलवे विजिलेंस (Railway Vigilance) की टीम ने दो यात्रियों से 3 हजार की रिश्वत लेने वाले टीटीई (TTE) को सस्पेंड (Suspend) कर दिया है। टीटीई ने अपने पेटीएम एकाउंट (Paytm Account) में तीन हजार रूपए ट्रांसफर करवाकर दो यात्रियों को यात्रा करवा रहा था।

गौरतलब है कि जब विजिलेंस टीम ने ट्रेन की बर्थ में जाकर यात्रियों से पूछताछ की तो उनके पास से टिकट नहीं मिला। जिसके बाद विजलेंस टीम ने केस दर्ज कर आगामी कार्रवाई के लिए रेलवे के कामर्शियल विभाग को जानकारी भेज दी। देर शाम रेलवे प्रशासन ने संबंधित टीटीई को सस्पेंड करने संबंधी आदेश जारी कर दिया।

क्या है मामला

बताया गया है कि शुक्रवार सुबह 12156 हजरत निजामुद्दीन-रानी कमलापति शान-ए-भोपाल एक्सप्रेस के बी-1 कोच की बर्थ नंबर 22 पर दो यात्री लेटे हुए थे। इनके पास किसी प्रकार की टिकट नहीं थी। रेलवे विजलेंस टीम ने जब यात्रियों से टिकट के बारे में पूछताछ की तो उन्हें बताया गया कि उन्होने टीटीई के पेटीएम एकाउंट में 3 हजार रूपए ट्रांसफर किए हैं। लेकिन उन्हें टीटीई द्वारा किसी प्रकार की टिकट नहीं दी गई। मामले की जब विजलेंस टीम ने जांच की तो टीटीई के एकाउंट में तीन हजार रूपए ट्रांसफर होना पाया गया। बताया गया है कि जिस बर्थ नंबर 22 पर यात्री मिले, उस पर पिछले स्टेशनों से कोई सवार नहीं हुआ था। इसलिए बर्थ को अन्य किसी यात्री को एलॉट कर टीटीई को टिकट देना चाहिए था, लेकिन टीटीई द्वारा ऐसा नहीं किया गया। दोनो यात्री हजरत निजामुद्दीन से भोपाल आ रहे थे। विजिलेंस टीम ने केस दर्ज कर कार्रवाई के लिए रेलवे के कामर्शियल विभाग को जानकारी भेजी गई थी।

हमेशा होता है ऐसा

रेलवे में टीटीई द्वारा सीट के लिए लिए परेशान यात्रियों इसे पैसा तो ले लिया जाता है, लेकिन टिकट देने में हमेशा ही कोताही बरती जाती है। लेकिन बहुत ही कम ऐसे मामले सामने आते हैं जिसमें रेलवे द्वारा अवैध तरीके से कमाई करने वाले टीटीई के खिलाफ कार्रवाई की जाती है।

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