भोपाल

सुप्रीम कोर्ट ने भोपाल गैस कांड पीड़ितों के मुआवजा बढ़ाने की मांग ख़ारिज कर दी

सुप्रीम कोर्ट ने भोपाल गैस कांड पीड़ितों के मुआवजा बढ़ाने की मांग ख़ारिज कर दी
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सुप्रीम कोर्ट भोपाल गैस कांड मुआवजा: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से मांग उठाई थी कि भोपाल गैस कांड के पीड़ितों का मुआवजा बढ़ाया जाए

Supreme Court Bhopal gas tragedy: सुप्रीम कोर्ट ने भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों का मुआवजा बढ़ाने की मांग को ख़ारिज कर दिया है. केंद्र सरकार ने SC में क्यूरेटिव पिटीशन लगाई थी जिसमे भोपाल गैस कांड के पीड़ितों के मुआवजा को बढ़ाने के लिए 7800 करोड़ रुपए का अतिरिक्त मुआवजा दिलाने की मांग की गई थी. मगर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की मांग को ख़ारिज कर दिया

जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस अभी एस ओक, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस जेके माहेश्वरी की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही थी. SC की बेंच ने यह कहते हुए भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों का मुआवजा बढ़ाने की मांग को ख़ारिज कर दिया कि 'केस दोबारा ओपन करने से मुश्किलें और बढ़ जाएगी।

बता दें कि तीन दिन तक इस मामले में दलीले चलती रहीं, 5 जजों की बेंच ने इस साल 12 जनवरी को अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था. सरकार की तरफ से यह दलील दी गई थी कि वह पीड़ितों को अधर में नहीं छोड़ सकती।

SC ने केंद्र सरकार की याचिका क्यों ख़ारिज की

सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि भोपाल गैस कांड के पीड़ितों को नुकसान की तुलना में 6 गुना ज़्यादा मुआवजा दिया जा चुका है. केंद्र सरकार RBI के पास पड़े 50 करोड़ रुपए में से पीड़ितों की मदद कर सकती है. SC का कहना है कि अगर ये केस दोबारा खोला जाता है तो यूनियन कार्बाइड के लिए ही फायदेमंद होगा, जबकि पीड़ितों की मुश्किल और बढ़ जाएगी।

बता दें कि भोपाल गैस त्रासदी के बाद यूनियन कार्बाइड कॉर्पोरेशन ने पीड़ितों को 470 मिलियन डॉलर का मुआवजा दिया था. लेकिन पीड़ित और मुआवजे की मांग कर रहे थे. 1984 में केंद्र ने गैस कांड पीड़ितों को डाउ केमिकल्स से 7844 करोड़ का अतिरिक्त मुआवजा मांगा था. इसके लिए 2010 में क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल की गई थी।

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