भोपाल

BHOPAL के 38 थानों में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू, CM को गृह मंत्री एवं DGP ने दी बधाई

Police commissioner system
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मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के भोपाल (Bhopal) में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू

भोपाल (Bhopal) मध्य प्रदेश सरकार ने प्रदेश के भोपाल एवं इंदौर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू की है। भोपाल के 45 थानों में से 38 थानें पुलिस कमिश्नर प्रणाली में काम करेगे।

जानकारी के तहत पुलिस कमिश्नर सिस्टम में भोपाल मेट्रोपोलिटन क्षेत्र को 4 टेरिटोरियल जोन में बांटा गया है। हर जोन की कमान डिप्टी पुलिस कमिश्नर या पुलिस उपायुक्त के पास होगी।

इसके अलावा यातायात, अपराध, मुख्यालय और इंटेलिजेंस व सुरक्षा के लिए अलग-अलग डीसीपी होंगे। हर टेरिटोरियल जोन में एक-एक एडिशनल डिप्टी पुलिस कमिश्नर या अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त होगा।

यातायात को बेहतर बनाने के लिए दो अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त होंगे। अपराध, मुख्यालय, इंटेलिजेंस-सुरक्षा, अजाक और महिला अपराध के लिए एक-एक डीसीपी होगा। हर जोन में तीन-तीन असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर या सहायक पुलिस आयुक्त होंगे। यातायात के लिए 4 सहायक पुलिस आयुक्त होंगे।

भोपाल में पुलिस के दो जिले

राज्य सरकार ने भोपाल में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू किए जाने के लिए मौजूदा पुलिस जिले के भोपाल उत्तर, भोपाल दक्षिण को पुनगर्ठित करते हुए थानों से संबंधित क्षेत्रों में दो पुलिस जिले बनाए हैं- भोपाल नगरीय व भोपाल देहात। इसमें नगरीय क्षेत्र में 38 थानों में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू होगा।

आईजी के हाथ होगी भोपाल देहात

इस नई व्यावस्था में अब एक आईजी रहेंगे। उनके अधीन रेंज डीआईजी रहेंगे। इनके अधीन भोपाल जिला देहात, विदिशा, राजगढ़ और सीहोर जिले रहेंगे।

पुलिस कमिश्नर देगें ये आदेश

अपराध संबंधी मामला को रोकने के लिए अब पुलिस कमिश्नर द्वारा आदेश दिया जाएंगे। जैसे कि किराएदार की जानकारी पुलिस को देना। लॉकडाउन, मास्क, वैक्सीनेशन अनिवार्यता, प्रदूषण होने पर धुआं रोकना, आचार संहिता के संबंध में धारा 144 जैसे पोस्टर न लगाना, यह सभी कलेक्टर करेंगे।

जबकि रैली, जुलूस आदि की मंजूरी अब संबंधित थाने से ही मिलेगी। इसमें एसडीएम द्वारा मंजूरी जारी नहीं होगी, क्योंकि पहले भी पुलिस की रिपोर्ट पर ही एसडीएम मंजूरी देते थे, अब यह पुलिस खुद ही जारी कर देगी।

कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए धारा 133 के तहत अवैध निर्माण तोड़ने या कहीं पर विवाद होने की स्थित में निर्णय लेने का अधिकार एसडीएम के पास ही हैं। वह इन मौकों पर मौजूद रहेंगे।

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