भोपाल

एमपी में कई प्राथमिक स्कूल में 1 शिक्षक के भरोसे 122 विद्यार्थियों का भविष्य, नियुक्ति न होने से बनी स्थिति

एमपी में कई प्राथमिक स्कूल में 1 शिक्षक के भरोसे 122 विद्यार्थियों का भविष्य, नियुक्ति न होने से बनी स्थिति
x
MP News: जिन विद्यालयों में शिक्षकों की कमी बनी हुई है, वहां के ग्रामीणों ने विभाग के सामने शिकायत दर्ज कराई है।

MP Bhopal News: प्रदेश के विद्यालयों में शिक्षकों की काफी कमी बनी हुई है। शासन द्वारा शिक्षकों की नियुक्ति न किए जाने के कारण विद्यालयों में पठन-पाठन व्यवस्था पूरी तरह से पटरी से उतर गई है। इसी परिप्रेक्ष्य में प्रदेश के कई विद्यालय तो ऐसे हैं जहां एक सैकड़ा से अधिक विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए केवल एक शिक्षक की ही नियुक्ति की गई है, जबकि कुछ विद्यालय तो ऐसे हैं जहां 114 विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए 6 शिक्षक पदस्थ है। विभाग द्वारा इस विसंगति को दूर करने का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा। जिसके कारण प्रदेश के विद्यालयों मे हालात बद से बदतर बने हुए हैं।

गौरतलब है कि राजधानी में पहचान का फायदा उठाते हुए शिक्षक नजदीकी ग्रामों में पदस्थ हो रहे है। शिक्षकों पदस्थापना बड़ी विसंगति की ओर इशारा कर रही है। आरटीई का जो अनुपात है, उसका ध्यान अधिकारियों ने ही नहीं रखा और शिक्षकों की पदस्थापना मनचाही कर दी। शासकीय माध्यमिक एवं प्राथमिक शाला परवलिया सड़क में बच्चों की संख्या 200 है, जहां पर 12 शिक्षक पदस्थ किए गए हैं। लेकिन नियमानुसार यहां जरूरत 6 शिक्षकों की है। एक प्रकार से यहां पर 6 शिक्षक बिना काम के ही व्यस्त रहते हैं। प्राथमिक शाला झिरनिया में 120 बच्चों पर दो शिक्षक, व माध्यमिक शाला पुरा, छिंदवाड़ा में 122 बच्चों पर 1 शिक्षक पदस्थ है, प्रकार माध्यमिक एवं कुराना में बच्चों की संख्या 114 है, जबकि यहां 6 शिक्षकों की नियुक्ति कर दी गई है। प्राथमिक शाला तारा सेवनिया में बच्चों की संख्या 125 है और यहां 6 शिक्षक अपनी सेवा दे रहे हैं। जबकि आरटीई अनुपात में यहां चार शिक्षक ही पदस्थ होना चाहिए। प्राथमिक शाला चंदूखेड़ी में बच्चों की संख्या 65 है, और यहां चार शिक्षक पदस्थ हैं। प्राथमिक शाला नीलबड़ में बच्चों की संख्या 125 है, जबकि यहां 5 शिक्षक पदस्थ हैं। आरटीई अनुपात देखे तो यहां दो शिक्षकों की जरूरत है। इधर प्राशा चांदपुर, शेखपुरा, झिरनिया, बदरखा सहित अन्य विद्यालयों में शिक्षकों की काफी कमी बनी हुई है।

की गई शिकायत

जिन विद्यालयों में शिक्षकों की कमी बनी हुई है, वहां के ग्रामीणों ने विभाग के सामने शिकायत दर्ज कराई है। ग्रामीणों का आरोप है कि शिक्षकों की इस प्रकार से पदस्थापना होने के कारण पूरा अध्यापन कार्य चौपट हो रहा है। जहां ज्यादा शिक्षक पदस्थ हैं, वह मात्र पंजी में दस्तखत करने के लिए विद्यालय पहुंच रहे हैं। जहां कम शिक्षक हैं, वहां पढ़ाई ही नहीं हो रही।

वर्जन

जिन विद्यालयों में शिक्षकों की पदस्थापना को लेकर विसंगति है, वहां से जानकारी मांगी जा रही है। इसके बाद युक्त-युक्तिकरण की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। जिससे आरटीई के अंतर्गत बच्चों की संख्या के अनुपात में शिक्षकों की पूर्ति की जा सके।

राजीव तोमर, जेडी, संभागीय संयुक्त संचालक भोपाल

Ankit Pandey | रीवा रियासत

Ankit Pandey | रीवा रियासत

Web Stories, Content Creator, Publisher

    Next Story