भोपाल

एमपी के भोपाल में फ्रेंच और जर्मन लैंग्वेज का कोर्स होगा शुरू, छात्र कर सकेंगे पढ़ाई

Sanjay Patel
9 Dec 2022 10:41 AM GMT
एमपी के भोपाल में फ्रेंच और जर्मन लैंग्वेज का कोर्स होगा शुरू, छात्र कर सकेंगे पढ़ाई
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मध्यप्रदेश के छात्र अब विदेशी भाषा भी आसानी से सीख सकेंगे। इसके लिए प्रदेश सरकार भोपाल के ग्लोबल स्किल पार्क में विदेशी भाषाओं का कोर्स प्रारंभ करने जा रही है। जिसमें फ्रेंच और जर्मन लैंग्वेंज की छात्र पढ़ाई कर सकेंगे।

मध्यप्रदेश के छात्र अब विदेशी भाषा भी आसानी से सीख सकेंगे। इसके लिए प्रदेश सरकार भोपाल के ग्लोबल स्किल पार्क में विदेशी भाषाओं का कोर्स प्रारंभ करने जा रही है। जिसमें फ्रेंच और जर्मन लैंग्वेंज की छात्र पढ़ाई कर सकेंगे। शीतकालीन परीक्षाओं के बाद इन लैंग्वेज में पढ़ाई प्रारंभ की जाएगी। यह विदेशी लैंग्वेज कोर्स सत्र 2023 से प्रारंभ किए जाएंगे। स्किल पार्क का निरीक्षण भी गत दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा किया गया।

जापानी भाषा भी पढ़ाई जाएगी

भोपाल के ग्लोबल स्किल पार्क का निर्माण कार्य जून 2023 तक पूरा होने की संभावना है। जहां फ्रेंच, जर्मनी के साथ ही जापानी भाषा भी छात्रों को पढ़ाई जाएगी। युवाओं को रोजगार से जोड़ने के साथ ही ज्यादा से ज्यादा संख्या में प्लेसमेंट दिलाने की मंशा से सिंगापुर की मदद से आधुनिक मशीनों के साथ ग्लोबल स्किल पार्क का निर्माण किया जा रहा है। जहां वर्तमान की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए युवाओं को स्किल्ड किया जाएगा। जिससे उनको जल्द से जल्द जॉब उपलब्ध हो सके।

6 हजार युवाओं को मिलेगा लाभ

ग्लोबल स्किल पार्क में प्रारंभ से ही इन भाषाओं के तहत लगभग 6 हजार युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। मध्यप्रदेश टेक्निकल एजुकेशन स्किल इनिसिएटिव 2022 के तहत शासकीय क्षेत्र के इंजीनियरिंग कॉलेजों के छात्रों को विदेशी भाषा में अप्सकिलिंग प्रोग्राम का क्रियान्वयन किया गया है। जिसके तहत इंजीनियरिंग के 60 छात्रों के एक बैच को जापानी भाषा का 45 दिवसीय प्रशिक्षण भी दिया गया।

अनूपपुर में सिविल संकाय कोर्स प्रारंभ

शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज अनूपपुर में एक नवीन सिविल संकाय कोर्स प्रारंभ किया गया है। जिसमें छात्र प्रवेश ले सकते हैं। वहीं सिंगरौली में माइनिंग इंजीनियरिंग कॉलेज की स्वीकृति जारी हो चुकी है। कॉलेज निर्माण के लिए जल्द ही भूमि पूजन की तैयारी की जाएगी। जिसमें ग्रामीण इंजीनियरिंग योजना के तहत गांव के युवा प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे। इससे गांव के लोगों को गांव का ही इंजीनियर उपलब्ध हो जाएगा।

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