भोपाल

MP News: बिजली कर्मियों ने किया कार्य का बहिष्कार, अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डटे 70 हजार कर्मचारी

Sanjay Patel
24 Jan 2023 9:40 AM GMT
MP News: बिजली कर्मियों ने किया कार्य का बहिष्कार, अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डटे 70 हजार कर्मचारी
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मध्यप्रदेश के बिजली कर्मियों ने कार्य का बहिष्कार करते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल प्रारंभ कर दी है। 70 हजार से ज्यादा बिजली कर्मी इसमें डटे हुए हैं।

मध्यप्रदेश के बिजली कर्मियों ने कार्य का बहिष्कार करते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल प्रारंभ कर दी है। 70 हजार से ज्यादा बिजली कर्मी इसमें डटे हुए हैं। इससे जहां न तो लाइन में आया फाल्ट सुधारा जा रहा है और न ही नए बिजली कनेक्शन मिल पा रहे हैं। ऐसे में लोगों की मुश्किलें बढ़ना भी स्वाभाविक हैं। मंगलवार सुबह 11 बजे से भोपाल के गोविंदपुरा में भी बिजली कर्मियों द्वारा धरना भी दिया जा रहा है।

इन कार्यों पर पड़ेगा असर

यूनाइटेड फोरम फार पावर इम्प्लाइज एवं इंजीनियर्स के बैनर तले बिजली कर्मियों ने कार्य का बहिष्कार कर दिया। संविदा एवं आउटसोर्स कर्मचारी 21 जनवरी से अनिश्चितकालीन आंदोलन कर रहे हैं। यूनाइटेड फोरम द्वारा उनका समर्थन किया गया है। फोरम के प्रवक्ता लोकेन्द्र श्रीवास्तव के मुताबिक 24 जनवरी से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार प्रारंभ कर दिया गया है। प्रदेश के बोर्ड, नियमित, संविदा एवं आउटसोर्स कर्मी अपनी मांगों को पूरा करने के संबंध में महाआंदोलन में शामिल हो रहे हैं। जिसके लिए भोपाल के गोविंदपुरा में धरना प्रदर्शन प्रारंभ किया गया है। बिजली कर्मियों के हड़ताल पर जाने से जहां लोगों को नए बिजली कनेक्शन नहीं मिल पाएंगे तो वहीं बिजली बिलों की वसूली भी नहीं की जा सकेगी। इसके साथ ही पेट्रेलिंग, सर्वे के काम भी प्रभावित होंगे। वहीं विद्युत लाइन में फाल्ट आने पर उसे सुधारने के लिए अमला नहीं पहुंच पाएगा जिससे लोगों की परेशानियां बढ़ जाएंगी।

यह मांगें हैं शामिल

बिजली कर्मियों द्वारा जिन मांगों को लेकर हड़ताल की गई है। उसमें संविदा बिजली कर्मियों को तुरंत नियमित किया जाए। आउटसोर्स कर्मचारियों को संविलियन करते हुए कार्यावधि एवं वरिष्ठता के अनुसार वेतन वृद्धि प्रदान करते हुए उनके भविष्य को सुरक्षित करने की नीति बनाने के साथ ही 20 लाख रुपए तक दुर्घटना बीमा कराया जाए। पुरानी पेंशन बहाल की जाए, वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए कमेटी बनाई जाए। इसके साथ ही कई वर्षों से लंबित फ्रिंज बेनिफिट्स का पुनरनिरीक्षण करते हुए सभी अधिकारी-कर्मचारियों एवं पेंशनर्स के लिए कैशलेस मेडिक्लेम पालिसी लागू करने की मांग शामिल हैं।

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