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Bhopal Rain News : भोपाल में अगले तीन दिनों तक बारिश के आसार, करवा चौथ और दीवाली में कैसा रहेगा मौसम, जानें

Weather Forecast HOLI 2023
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Weather Forecast HOLI 2023

MP Bhopal News : मौसम वैज्ञानिकों के अनुमान के मुताबिक शरद पूर्णिमा से अगले दो-तीन दिन तक बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है।

MP Bhopal Weather News In Hindi : एमपी के भोपाल में अक्टूबर के पहले सप्ताह में सामान्य से 328 प्रतिशत ज्यादा बारिश हो चुकी है (Bhopal Heavy Rain)। करीब तीन इंच बारिश दो दिन में बरस चुका है। जबकि एक हफ्ते में 0.61 इंच बारिश होनी चाहिए। मौसम वैज्ञानिकों की माने तो करवा चौथ में बादल चांद को ढंक सकते हैं। माना जा रहा है कि अभी कुछ दिन और बारिश थमने वाली नहीं है, दीवाली में मौसम साफ रहने का अनुमान मौसम वैज्ञानिकों ने जताया है। बताया गया है कि शरद पूर्णिमा से अगले दो-तीन दिन तक बारिश का सिलसिला बरकरार रह सकता है। राजधानी में शुक्रवार को चौथे दिन भी बारिश हुई। दिन में जहां अच्छी धूप निकली हुई थी वहीं गुरूवार की तरह ही शाम 7 बजे के बाद शहर में तेजी से बारिश होने लगी। राजधानी में एक जून से अब तक कुल 77.24 इंच बारिश हो चुकी है। यदि अगले तीन-चार दिन और तेज बारिश हुई तो 80 इंच बारिश का नया रिकार्ड भी बन सकता है। मौसम विशेषज्ञ पीके साहा ने बताया कि अगले चार-पांच दिन और कभी कम, कभी ज्यादा बारिश होने की संभावना है।

97 प्रतिशत भाग में बारिश

मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो बीते 24 घंटे के अंतराल में प्रदेश के 97 प्रतिशत हिस्से में बारिश हुई है। भोपाल संभाग के अलावा मालवा-निमाड़ के इलाकों में सबसे ज्यादा पानी बरसा है। महाकौशल और बुंदेलखंड के भी कुछ इलाकों में अच्छी बारिश हुई है।

35 साल में 5वीं बार भरा रहा कोलार डेम

बताया गया है कि भोपाल की 40 प्रतिशत आबादी को पानी सप्लाई करने वाला कोलार डैम अक्टूबर के पहले सप्ताह में भी 100 प्रतिशत भरा हुआ है। गौरतलब है कि बीते 35 साल में यह पांचवा मौंका है जब कोलार डैम पूरी तरह से भरा हुआ है। ऐसी ही स्थिति शहर और आसपास के अन्य डेम की भी है। कोलार डैम का एफटीएल 462.20 मीटर है, रिकार्ड पर इसका लेवल एफटीएल से कुछ अधिक 462.25 मीटर दर्ज है। इसमें 266.25 एमसीएम पानी है। एफटीएल पर कोलार में 265 एमसीएम पानी होता है। उल्लेखनीय है कि 1987 में बने कोलार डैम के सबसे पहले 1994 इसके बाद 1996, 1999, 2006, 2013, 2016 और 209 में गेट खोले गए थे।

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