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रीवा एसपी समेत प्रदेश भर के कई कलेक्टर, अधिकारियों पर बरसे सीएम कमलनाथ, जानिए वजह...
भोपाल। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार को अफसरशाही के रवैये पर सख्त तेवर अपना लिए। जन अधिकार कार्यक्रम में कलेक्टरों से संवाद के दौरान कमलनाथ ने कुछ कलेक्टर और रीवा एसपी के कामकाज पर नाराजगी जताई।
कमलनाथ ने कहा कि अपने कामकाज का तरीका बदल लीजिए। कोई भी शिकायत हो, वह तब तक फाइलों में हल नहीं की जानी चाहिए, जब कि आवेदक वास्तव में संतुष्ट न हो। उसकी समस्या का समाधान न हो गया हो। कमलनाथ ने एक प्रकरण में बड़वानी जनपद पंचायत सीईओ को बैठक के दौरान ही निलंबित भी कर दिया।
रीवा एसपी पर नाराजगी, लापरवाही पकड़ाई
रीवा एसपी के एक प्रकरण को लेकर भी सीएम ने नाराजगी जताई। शुभद्रा विश्वकर्मा नामक महिला ने जमीन विवाद में शिकायत की थी। रीवा एसपी ने इस प्रकरण का निपटारा फाइल पर लिख दिया। सीएम ने पूछा कि आवेदक महिला संतुष्ट है, तो एसपी ने कहा कि हां, संतुष्ट है। वह महिला तब जिले में ही बैठकर वीडियो कांफ्रेसिंग में शिरकत कर रही थी। यह सुनकर महिला बोली कि मैं संतुष्ट नहीं हूं।
इस पर सीएम ने रीवा एसपी को फटकार कर कहा कि महिला संतुष्ट नहीं है, फिर आपने कैसे लिख दिया। इस पर एसपी ने जवाब दिया कि फोन पर बात हुई थी। सीएम ने कहा कि फोन से क्या मतलब, आवेदक खुद अभी कह रहा है कि समस्या हल नहीं हुई है। कमलनाथ ने रीवा एसपी को कहा कि इस तरह का रवैया नहीं चलेगा। काम सुधार लो, वरना कार्रवाई की जाएगी।
बड़वानी कलेक्टर पर बरसे, एक सस्पेंड
बड़वानी कलेक्टर ने एक ग्राम पंचायत में गड़बड़ी को लेकर कार्रवाई करने की जानकार दी। इसमें पाया गया कि कपिलधारा कुआं निर्माण की शिकायतों को लेकर जनपद के तहत तीन-चार कर्मचारियों पर कार्रवाई हुई। कुछ को निलंबित किया गया। इस पर सीएम ने पूछा कि जिस जनपद पंचायत सीईओ ने शिकायत को झूठा बताया था, उस पर कार्रवाई हुई या नहीं। इस पर कलेक्टर ने कहा कि जनपद पंचायत सीईओ ने कहा है कि वह क्लर्क के स्तर पर गड़बड़ हुई।
इस पर सीएम ने नाराज होकर कहा कि क्लर्क क्या काम कर रहा है, यह देखना तो उसके उच्च स्तर के अफसर का काम है। यह सब तो आपको देखना चाहिए। सीएम ने बैठक में ही जनपद पंचायत सीईओ को सस्पेंड करने के निर्देश दे दिए। इसी तरह भोपाल में बिल्डर मेसर्स भारती बिल्डर्स के खिलाफ एक शिकायत पर आवेदक को राशि वापस दिलाने व धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिए।
वहीँ जनाधिकार कार्यक्रम में सीएम हेल्पलाइन के तहत आने वाले प्रकरणों के निपटारे के तरीके पर सीएम नाराज हुए। वीडियो कांफ्रेसिंग के दौरान सीएम ने कहा कि काम की यह प्रवृत्ति ठीक नहीं है। दरअसल, छात्रवृत्ति के एक प्रकरण में विद्यार्थी ने शिकायत की थी कि उसे छात्रवृत्ति नहीं मिली। सीएम ने कांफ्रेसिंग में इस प्रकरण की जानकारी ली, तो पाया कि बजट आवंटन न होने के कारण छात्रवृत्ति नहीं मिली थी।
इसलिए छात्र की शिकायत को खत्म मानकर फाइल बंद कर दी गई। इस पर सीएम ने कहा कि छात्र की समस्या का समाधान कहां हुआ ? जब छात्र को छात्रवृत्ति नहीं मिली, तो फिर फाइल नस्तीबद्ध करके खत्म कैसे कर दी। बजट आवंटन होना या नहीं होना आपकी समस्या है, छात्र को तो छात्रवृत्ति मिलना चाहिए। आगे से इस तरह से समस्या का निपटारा फाइलों में नहीं हो। जब तक समस्या वास्तव में हल नहीं होगी, तब तक उसे हल नहीं माना जाए। बैठक में यूरिया व धान की समीक्षा भी की गई। अधिकारियों को यूरिया की कमी नहीं आने के निर्देश दिए गए।