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Maruti Suzuki NCAP 2023: अगर आप मारुती सुजुकी की ये कार चला रहें हैं... तो आप बहुत रिस्क पर हैं; Crash Test में फुस हुईं देश की सबसे ज्यादा बिकने वाली कारें

Maruti Suzuki NCAP 2023: अगर आप मारुती सुजुकी की ये कार चला रहें हैं... तो आप बहुत रिस्क पर हैं; Crash Test में फुस हुईं देश की सबसे ज्यादा बिकने वाली कारें
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ग्लोबल NCAP ने मारुति सुजुकी की K10 को 2 और वैगनआर को 1 स्टार रेटिंग दी है

कारों को सेफ्टी रेटिंग देने वाली संस्था Global NCAP ने मंगलवार को चार कारों की क्रैश टेस्ट रेटिंग दी है. जिनमें मारुती सुजुकी की दो कार (ऑल्टो के10 और वैगनआर), फॉक्सवैगन और स्कोडा की एक-एक कार शामिल हैं.

Maruti Suzuki Alto K10, Wagon-R NCAP 2023: कारों को सेफ्टी रेटिंग देने वाली संस्था Global NCAP ने मंगलवार को चार कारों की क्रैश टेस्ट रेटिंग दी है. जिनमें मारुती सुजुकी की दो कार, फॉक्सवैगन और स्कोडा की एक-एक कार शामिल हैं. दो कारे क्रैश टेस्ट में पूरी तरह से फेल हुईं जबकि दो 5 स्टार रेटिंग के साथ सबसे सुरक्षित कारों की लिस्ट में शुमार हो गई.

मंगलवार को ग्लोबल एनसीएपी द्वारा मारुती सुजुकी की ऑल्टो K10, वैगन-आर (Maruti Suzuki Wagon-R) के क्रैश टेस्ट की रिपोर्ट और रेटिंग जारी कर दी गई है. जिनमें मारुती सुजुकी की K10 को 2 और वैगनआर को 1 स्टार रेटिंग दी गई है. वैगनआर ने एडल्ट ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन में 5 में से एक स्टार और चाइल्ड ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन में जीरो स्कोर किया है. जबकि ऑल्टो K10 ने एडल्ट ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन के लिए 2 और चाइल्ड ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन के लिए जीरो स्कोर हासिल किया है. सबसे ख़ास बात तो यह है कि ये दोनों ही कारे न सिर्फ कंपनी बल्कि भारत में सबसे अधिक बिकने वाली कारों की लिस्ट में सबसे ऊपर होती है. यानी ये कारे भारतियों की सबसे पसंदीदा कार है.

Global NCAP ने मंगलवार को फॉक्सवैगन की वर्टस (Volkswagen Virtus) और स्कोडा की स्लाविया (Skoda Slavia) के भी क्रैश टेस्ट रेटिंग जारी की है और दोनों ही कारों को 5 स्टार रेटिंग दी है. यानि फॉक्सवैगन की वर्टस (Volkswagen Virtus) और स्कोडा की स्लाविया (Skoda Slavia) दोनों काफी सुरक्षित कार हैं.

वैगनआर से ज्यादा सुरक्षित है ऑल्टो के10

मारुती सुजुकी ऑल्टो K10 की बॉडी शेल इंटीग्रिटी टक्कर में स्थिर है. लिहाजा सुरक्षा के लिहाज से यह कार वैगनआर से ज्यादा सुरक्षित है. क्रैश-टेस्टेड वैरिएंट में वैगनआर जैसी ही विशेषताएं हैं, जैसे ABS, ड्यूल एयरबैग, EBD, प्राइमरी लिमिटर्स के साथ सीट प्रीटेंशनर, और ड्राइवर और यात्रियों के लिए सीट अलर्ट. ऑल्टो को पहली बार भारत में 27 सितंबर, 2000 को लॉन्च किया गया था. ऑल्टो ने अपने मौजूदा अवतार में कई बदलाव किए हैं. वित्त वर्ष 2022-23 में देश में कुल 170,559 अल्टो की बिक्री हुई. जबकि वित्त वर्ष 2022-23 (FY) में देश में 195,035 WagonR यूनिट्स की बिक्री हुई.

मारुति ने ठुकराया ग्लोबल NCAP की क्रैश रिपोर्ट

मारुति सुजुकी भारत के वरिष्ठ प्रबंधक (सेल्स एंड मार्केटिंग) शशांक श्रीवास्तव ने कहा कि कार को सुरक्षा के लिए NCAP से प्रमाणित किया गया है. यह भारत में स्थिति के अनुकूल नहीं है इसलिए मारुति को लगता है कि यह गलत है. केवल भारत की माप प्रणाली ही वाहनों को सटीक माप सकती है.

NCAP सेफ्टी रेटिंग कैसे दी जाती है?

  • कार की सेफ्टी रेटिंग: NCAP द्वारा लगभग सभी कंपनियों की कारों का क्रैश टेस्ट किया जाता है. सभी कंपनियां अपनी कार के हर मॉडल और वैरिएंट पर अलग-अलग सेफ्टी फीचर्स देती हैं. इनमें एयरबैग, एबीएस, ईबीडी, सीट बेल्ट, रियर सेंसर, कैमरा, स्पीड अलर्ट और बहुत कुछ शामिल हैं. जब किसी वाहन का निरीक्षण किया जाता है, तो उसका मूल्यांकन उसकी सुरक्षा विशेषताओं के आधार पर किया जाता है.
  • सुरक्षा रेटिंग प्रक्रिया: सुरक्षा रेटिंग प्राप्त करने के लिए वाहन का क्रैश-परीक्षण किया जाता है. इसके लिए ह्यूमनॉइड डमीज का इस्तेमाल किया जाता है. परीक्षण के दौरान, वाहन तेज गति से किसी कठोर वस्तु से टकराया है. इस दौरान कार में 4-5 पुतलों का इस्तेमाल किया गया है. पीछे की सीट पर एक बेबी पैसिफायर है. इसमें चाइल्ड सीट के लिए सुरक्षा का टेस्ट किया जाता है.
  • सेफ्टी टेस्ट मतलब: क्या टक्कर के बाद गाड़ी का एयरबैग काम करता है? पुतला का क्या हुआ? कार की अन्य सुरक्षा विशेषताएं क्या हैं? इन सभी पर स्कोरिंग आधारित है. यह उपाय ग्राहकों को एक सुरक्षित कार खरीदने में मदद करता है. लेकिन एनसीएपी कार के सभी विभिन्न पहलुओं को प्रभावित नहीं करता.

एडल्ट और चाइल्ड सेफ्टी रेटिंग क्या है?

  1. एडल्ट ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन (AOP) रेटिंग में ये देखा जाता है कि जब कार सामने की तरफ से टकराती है तब आगे की सीट पर बैठने वाले पैंसेजर और ड्राइवर कितने सुरक्षित रहे.
  2. चाइल्ड ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन (COP) रेटिंग से ये देखा जाता है कि कार में सामने और साइड से टक्कर होने पर पीछे की सीट पर बैठने वाले बच्चे कितने सुरक्षित रहे.

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