शपथ लेते ही कमलनाथ ने साधा यूपी-बिहार के लोगों पर निशाना, BJP समेत कई दल हुए आक्रामक

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Update: 2021-02-16 06:03 GMT

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद का शपथ लेते ही कमलनाथ सुर्खियों में आ गए हैं. उन्होंने बिहार और उत्तर प्रदेश (यूपी) के लोगों को मध्यप्रदेश की बेरोजगारी का कारण बताया. कमलनाथ के इस बयान पर बिहार में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने उनके इस बयान को देश की संघीय ढांचा के खिलाफ बताया है.

इस पर अब आरएलएसपी के उपेंद्र कुशवाहा ने कमलनाथ के बयान पर पलटवार किया है और कहा है कि बिहारी बोझ नहीं हैं. जहां भी बिहार के लोग हैं वहां के निर्माण में इनका बड़ा योगदान है. बिहार के लोग जहां जाते हैं वहां अपमानित होते हैं फिर भी वह जाते हैं. इन लोगों के लिए अपने राज्य में देखना होगा की रोजगार मिले.

साथ ही उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता लेकिन देश में कहीं भी बिहार के लोगों के दिए जाने वाला बयान मुनासिब नहीं है. आपको बता दें कि कमलनाथ के बयान से बिहार में सियासत शुरू हो गई है. बीजेपी प्रवक्ता संजय टाइगर ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनका बयान देश के संघीय ढांचे के खिलाफ है. हमारा संविधान देश के किसी भी कोने में किसी भी नागरिक को रहने, पढ़ने और काम करने की आजादी देता है.

उनहोंने कांग्रेस पर क्षेत्रीयता का बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस शुरू से क्षेत्रीयता, जातीयता, साम्प्रदायिकता के आधार पर जनता को बांटकर शासन करती रही है. कमलनाथ कांग्रेस के उसी परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं. बीजेपी इसकी निंदा करती है और इसे देश की एकता और अखंडता के खिलाफ मानती है.

यूपीए की सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि देश के कानून में ऐसा नहीं है कि कोई कहीं नहीं जा सकता और नौकरी नहीं कर सकता है. कमलनाथ वरिष्ठ नेता हैं. उनके कहने का संदर्भ दूसरा रहा होगा. कमलनाथ ने ऐसी कोई बात नहीं कही होगी, जिससे यूपी, बिहार के लोग आहत हों. उन्होंने कहा कि बीजेपी के लोग पहले भी इस तरह का बयान देते रहे हैं. उन्होंने कहा कि यूपी-बिहार के लोगों के बिना देश के किसी राज्य का काम नहीं चल सकता है.

यह कोई पहला मामला नहीं है जब बिहार और यूपी के लोगों के खिलाफ इस तरह का बयान दिया गया है. पहले भी राज ठाकरे, उद्धव ठाकरे जैसे कई नेता ऐसा बयान दे चुके हैं.

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