रिश्तेदारों के साथ संगम में नहाते वक्त डूबा रीवा का युवक

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Update: 2021-02-16 05:56 GMT

रिश्तेदारों संग नहाते वक्त रविवार सुबह एक युवक संगम में डूब गया। गहरे पानी में जाने के कारण उसके साथ गए युवक भी डूबने लगे थे जिन्हें गोताखोरों ने बचा लिया लेकिन युवक को जब तक बाहर निकाला जाता, बहुत देर हो चुकी थी। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। उसकी मौत से परिवार में कोहराम है।

वीरेंद्र केसरवानी(22) उर्फ प्रिंस पुत्र किशनलाल केसरवानी मध्य प्रदेश के रीवा स्थित मऊगंज थाना क्षेत्र का का रहने वाला था। बड़ी बहन की शादी हो चुकी है और वह घर का इकलौता बेटा था। कपड़े की दुकान पर काम करने वाले वीरेंद्र की मौसी पुष्पा केसरवानी शहर के कीडगंज इलाके में रहती हैं। शनिवार को उनकी बेटी की सगाई थी, जिसमें शामिल होने के लिए वीरेंद्र भी परिवार समेत आया था। सगाई समारोह संपन्न होने के बाद शनिवार देर रात तक घर में कामकाज निपटाया जाता रहा।

रविवार सुबह करीब आठ बजे वीरेंद्र मौसी के छोटे बेटे और कुछ अन्य रिश्तेदारों के साथ संगम स्नान के लिए चला आया। यहां पहुंचकर सभी पानी में उतर गए और स्नान करने लगे। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि पानी का बहाव तेज होने के कारण अचानक कुछ लोग गहरे पानी में चले गए। उन्हें डूबता देख घाट पर मौजूद लोगों ने शोर मचाया तो आसपास मौजूद गोताखोरों ने नदी में छलांग लगा दी। इस दौरान अन्य युवकों को तो बचा लिया गया लेकिन वीरेंद्र डूब गया। सूचना मिली तो पुलिस भी पहुंच गई। कुछ देर बाद गोताखोरों ने वीरेंद्र को खोज निकाला। तब तक सूचना पाकर घरवाले भी पहुंच गए थे। आननफानन में निजी अस्पताल ले जाया गया लेकिन, डॉक्टरों ने वीरेंद्र को मृत घोषित कर दिया। इस पर परिवारवाले बिलखने लगे। दारागंज पुलिस ने बताया कि दोपहर में पोस्टमार्टम के बाद परिजन शव लेकर रीवा के लिए रवाना हो गए।

संगम में युवक के डूबने की घटना ने पांच दिन पहले अरैल में हुए ऐसे ही हादसे की यादें लोगों के जेहन में ताजा कर दीं। 26 जून को अरैल में नहाते वक्त एक साथ नौ युवक नदी में डूबने लगे थे। इनमें से छह को तो बचा लिया गया था लेकिन तीन युवक नदी में डूब गए थे। इनमेें से साकिब और इरफान के शव अगले दिन गोताखोरों ने खोज निकाले थे जबकि साहिल का शव नहीं मिल सका। इससे पहले आठ अप्रैल को संगम में नहाते वक्त एयरफोर्स के चार जवान डूब गए थे जिसमें से दो को तो बचा लिया गया था लेकिन दो को नहीं बचाया जा सका था। इनमें सत्यम आर्या और मयंक अग्निहोत्री शामिल थे। दोनों एयरक्राफ्ट मैन के पद पर एयरफोर्स में तैनात थे और बंगलुरु से अटैच होकर एक कार्यक्रम के तहत बम्हरौली आए थे।

जल पुलिस प्रभारी कड़ेदीन यादव का कहना है कि जलस्तर बढ़ने के कारण इन दिनों नदी के किनारों पर कटान तेज हो गया है। इसके कारण जगह-जगह पानी के भीतर जगह-जगह कुंड बन रहे हैं, जो खतरनाक हैं। इसके अलावा पानी का तेज बहाव भी खतरे का कारण बन रहा है। संगम नोज पर चार गोताखोरों के साथ जल पुलिस के जवाब और दो मोटरबोट भी रहती है। इन दिनों अरैल में भी जल पुलिस की तैनाती की जा रही है। बताया कि बहाव तेज होने के कारण कई बार डूबे हुए व्यक्ति को खोजने में परेशानी का सामना करना पड़ता है।

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