मायावती नाराज! मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार पर संकट के बादल, जानिए वजह...

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Update: 2021-02-16 06:09 GMT

भोपाल. राजस्थान में बसपा विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के बाद से मध्यप्रदेश की सियासत भी गर्म हो गई है। मध्यप्रदेश में बसपा के दो विधायक हैं और कमलनाथ सरकार को समर्थन दे रहे हैं। मध्यप्रदेश बसपा विधायक संजीव कुशवाहा ने कांग्रेस में जाने को लेकर कहा कि मध्यप्रदेश में राजस्थान जैसी स्थिति नहीं है हम कांग्रेस में शामिल नहीं होंगे। वहीं, मायावती राजस्थान के घटना क्रम से नाराज हैं।

गाजे-बाजे के साथ करूंगा घोषणा विधायक संजीव कुशवाहा ने कहा- अगर भविष्य में ऐसी कोई स्थिति बनती है तो गाजे-बाजे के साथ घोषणा करेंगे। उन्होंने कहा- राजस्थान की स्थितियों के बाद कांग्रेस से समर्थन वापस लेने या नहीं लेने पर बात नहीं हुई है और ना ही मायावती की तरफ से कोई संदेश मिला है। हालांकि उन्होंने ये जरूर कहा कि मायावती ने ही कांग्रेस को समर्थन दिया है और वहीं उसे वापस ले सकती हैं।

रामबाई ने क्या कहा दमोह जिले की पथारिया से बसपा विधायक रामबाई ने कहा- वो मरते दम तक मायावती के साथ रहेंगी। उनका जो आदेश होगा उसका पालन किया जाएगा। बता दें कि रामबाई मंत्री पद की मांग को लेकर कई बार कमलनाथ सरकार पर हमला बोल चुकी हैं।

मायावती कांग्रेस से नाराज वहीं, राजस्थान में बसपा के विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने पर मायावती ने कांग्रेस पर हमला बोला है। मायावती ने कहा- राजस्थान में कांग्रेस पार्टी की सरकार ने एक बार फिर बीएसपी के विधायकों को तोड़कर गैर-भरोसेमन्द व धोखेबाज़ पार्टी होने का प्रमाण दिया है। यह बीएसपी मूवमेन्ट के साथ विश्वासघात है जो दोबारा तब किया गया है जब बीएसपी वहाँ कांग्रेस सरकार को बाहर से बिना शर्त समर्थन दे रही थी।

कांग्रेस कभी इमानदार नहीं रही मायावती ने कहा- कांग्रेस अपनी कटु विरोधी पार्टी/संगठनों से लड़ने के बजाए हर जगह उन पार्टियों को ही सदा आघात पहुंचाने का काम करती है जो उन्हें सहयोग/समर्थन देते हैं। कांग्रेस इस प्रकार एससी, एसटी,ओबीसी विरोधी पार्टी है तथा इन वर्गों के आरक्षण के हक के प्रति कभी गंभीर व ईमानदार नहीं रही है। कांग्रेस हमेशा ही बाबा साहेब डा भीमराव अम्बेडकर व उनकी मानवतावादी विचारधारा की विरोधी रही। इसी कारण डा अम्बेडकर को देश के पहले कानून मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। कांग्रेस ने उन्हें न तो कभी लोकसभा में चुनकर जाने दिया और न ही भारतरत्न से सम्मानित किया। अति-दुःखद व शर्मनाक।

कांग्रेस के लिए क्या मुश्किलें मध्यप्रदेश में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। कांग्रेस के 114 विधायक हैं। बसपा के 2, सपा के 1 और 4 निर्दलीय विधायकों को कमलनाथ सरकार का समर्थन मिला हुआ है। ऐसे में अगर मायावती अपना समर्थन वापस लेती हैं तो कमलनाथ सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं क्योंकि कमलनाथ सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायक कई बार सरकार के खिलाफ नाराजगी भी जाहिर कर चुके हैं।

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