UP में बाढ़ से हालात खराब: 71 जिलों में अलर्ट, 7 में बहुत भारी बारिश की चेतावनी, काशी-प्रयागराज में घुसा गंगा का पानी; सीएम योगी ने बनाई 'टीम-11'
यूपी में बाढ़ से हालात बिगड़ गए हैं. प्रयागराज और काशी समेत 12 जिलों में बाढ़ आई है. गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. सीएम योगी ने मंत्रियों की 'टीम-11' को राहत-बचाव के लिए मैदान में उतारा है.;
उत्तर प्रदेश में लगातार हो रही बारिश से अब हालात बिगड़ने लगे हैं. प्रयागराज, काशी समेत राज्य के 12 जिलों में बाढ़ आई हुई है, जिससे आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. गंगा और यमुना जैसी नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ से राहत और बचाव कार्यों के लिए मंत्रियों की एक स्पेशल 'टीम-11' बनाई है. सीएम योगी ने निर्देश दिया है कि मंत्री तत्काल अपने-अपने प्रभावित जिलों में 'ग्राउंड जीरो' पर उतरें और राहत कार्यों का जायजा लें. उन्होंने यह भी कहा है कि मंत्री रात में भी अपना जिला नहीं छोड़ेंगे, ताकि स्थिति पर लगातार नजर रखी जा सके.
सीएम योगी ने बनाई 'टीम-11', राहत-बचाव के लिए ग्राउंड जीरो पर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ से निपटने के लिए मंत्रियों की एक स्पेशल टीम बनाई है, जिसे 'टीम-11' नाम दिया गया है. इस टीम का मुख्य काम बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों की निगरानी करना, लोगों तक मदद पहुंचाना और स्थिति की सीधे रिपोर्ट मुख्यमंत्री को देना है. यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि राहत कार्य में कोई देरी न हो और प्रभावित लोगों को समय पर सहायता मिल सके. सीएम ने सभी मंत्रियों को निर्देश दिया है कि वे अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से निभाएं.
वाराणसी-प्रयागराज में बाढ़ के क्या हालात हैं? लाखों घर जलमग्न, श्मशान घाट डूबे
बाढ़ का सबसे ज्यादा कहर वाराणसी (काशी) और प्रयागराज में देखने को मिल रहा है. वाराणसी में गंगा का पानी खतरे के निशान को पार कर चुका है. सुबह 6 बजे गंगा का जलस्तर 71.4 मीटर रिकॉर्ड किया गया, जबकि यहां खतरे का निशान 71.2 मीटर है. इस तरह गंगा खतरे से 20 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. गंगा का पानी वाराणसी और प्रयागराज में एक लाख से भी ज्यादा घरों में घुस गया है. ऐतिहासिक घाट, जिनमें श्मशान घाट भी शामिल हैं, पूरी तरह से डूब गए हैं. काशी में हजारों लोगों को अपना घर छोड़कर सुरक्षित जगहों पर जाना पड़ा है.
यूपी में बारिश का अलर्ट: 71 जिलों में अलर्ट, 7 में बहुत भारी बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग ने आज, रविवार को उत्तर प्रदेश के 71 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया है. इनमें से 7 जिलों में तो बहुत भारी बारिश (heavy rain) की चेतावनी है.
भारी बारिश (Heavy Rain): गोरखपुर, संत कबीर नगर, बस्ती, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर.
मध्यम बारिश (Moderate Rain): प्रतापगढ़, सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी, संत रविदास नगर, जौनपुर, गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, देवरिया, गोरखपुर, अम्बेडकरनगर, फैजाबाद, बहराइच, श्रावस्ती, सीतापुर, हरदोई, फर्रुखाबाद, कन्नौज, उन्नाव, लखनऊ, बाराबंकी, रायबरेली, अमेठी, सुल्तानपुर, अम्बेडकर नगर, गोण्डा, बलरामपुर, बहराइच, कौशाम्बी, एटा, आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, मुरादाबाद, सम्भल, बरेली, शाहजहांपुर.
हल्की बारिश (Light Rain): मऊ, देवरिया, कुशीनगर, प्रयागराज, फतेहपुर, कानपुर देहात, कानपुर नगर, चित्रकूट, झांसी, जालौन, हमीरपुर, महोबा, ललितपुर, बागपत, बुलंदशहर, गाजियाबाद, नोएडा, अमरोहा, रामपुर, संभल, बरेली, पीलीभीत, हरदोई, मथुरा, हाथरस, सिंगाही, ललितपुर.
शनिवार को 49 जिलों में औसतन 5.2 मिमी बारिश दर्ज की गई थी. सबसे अधिक बारिश कन्नौज में 51.3 मिमी और कासगंज में 45.3 मिमी हुई थी.
लखनऊ और लखीमपुर खीरी में भी बारिश का असर: मगरमच्छ सड़क पर आए
बाढ़ और बारिश का असर पूरे प्रदेश में दिख रहा है. राजधानी लखनऊ में सुबह से एक घंटे तक हुई तेज बारिश से सड़कों पर पानी भर गया, जिससे लोगों को काफी परेशानी हुई. वहीं, लखीमपुर खीरी में नदी से निकलकर मगरमच्छ सड़क पर आ गए. सिंघाई थाने के पास मौजूद लोगों ने जब उन्हें देखा तो घबरा गए. इसके बाद वन विभाग को सूचना दी गई. हालांकि, वन विभाग के पहुंचने से पहले ही मगरमच्छ वापस नदी में भाग गया. यह घटना दिखाती है कि बारिश के कारण वन्यजीव भी अपने प्राकृतिक आवास छोड़कर बाहर आ रहे हैं, जिससे लोगों में डर का माहौल है.
काशी के लोगों का दर्द: 'हर साल मां गंगा हमें घर छोड़ने पर मजबूर कर देती है'
काशी के गंगा किनारे रहने वाले हजारों परिवारों का दर्द बयां करते हुए एक व्यक्ति ने कहा, "हर साल हम लोगों को अपने घर से दूर माँ गंगा रहने के लिए मजबूर कर देती है." वाराणसी में गंगा का पानी 20 हजार घरों तक पहुंच चुका है, जबकि वरुणा नदी का पानी 30 हजार घरों तक पहुंच गया है, जिससे लगभग 50 हजार परिवार बाढ़ में घिरे हुए हैं.
लोग सुरक्षित जगहों पर जाने की तैयारी कर रहे हैं और अपने घर का सारा सामान लेकर दूसरे मोहल्लों में जा रहे हैं. कई लोग राहत शिविरों में जाने की बजाय किराए पर कमरे लेकर कुछ दिनों तक रहने की योजना बना रहे हैं. उनका कहना है, "जब मां गंगा का जलस्तर घटेगा, तब हम फिर वापस आएंगे."