उत्तर प्रदेश वासियों के लिए खुशखबरी, 100 साल बाद यहां फिर से चलेगी ट्रेन

Update: 2023-08-21 16:42 GMT

वर्षों से बंद पड़ी एक रेल लाइन को पुनः शुरू करने प्रयास किए जा रहे हैं। प्रशासन की ओर से वन विभाग के प्रमुख सचिव को भेजी गई रिपोर्ट के बाद शासन स्तर पर नए सिरे से प्रोजेक्ट बनाने के लिए कंसलटेंट एजेंसी तय कर दी गई है। ऐसे में माना जा रहा है कि 1982 से बंद पड़ी इस परियोजना को एक बार पुनः चालू किया जाएगा। हम बात कर रहे हैं महाराजगंज के सोहगीबरवा लक्ष्मीपुर रेंज में आने वाले ट्राम-वे रेल रेल परियोजना की।

क्या है इस परियोजना का इतिहास

जानकारी के अनुसार अगर महाराजगंज के सोहगीबरवा लक्ष्मीपुर रेंज में आने वाले ट्राम-वे रेल रेल परियोजना के इतिहास पर नजर डालें तो बहुत कुछ निकल कर सामने आता है। जानकारी के अनुसार क्षेत्र में घने जंगल हैं दुर्गम पहाड़ों से ट्रेन को निकालना मुश्किल भरा काम था। लेकिन ब्रिटिश हुकूमत ने 1924 में लक्ष्मीपुर रेलवे स्टेशन के निकट देश की पहली ट्रामवे रेल प्रयोजना स्थापित कर दी।

इसके लिए हुकूमत को काफी मशक्कत करनी पड़ी। लक्ष्मीपुर रेंज के उत्तरी चौक रेंज के जंगल में चौराहा नामक स्थान तक 22.4 किलोमीटर दूर तक रेल लाइन बिछाई गई। 55 वर्षों तक इसका संचालन भी हुआ। लेकिन बाद में घाटे की वजह से 1982 में इस परियोजना को बंद कर दिया गया।

बताया गया है कि जब इस रेल लाइन को बनाया जा रहा था उस समय अंग्रेज कीमती लकड़ी की ढुलाई के लिए ट्रामवे रेल परियोजना को शुरू किया। इस मार्ग पर पड़ने वाली तीन बड़ी नदियां रोहिन नदी, प्यास नदी तथा जिगिनिहवा घाट पर लकड़ी की मजबूत पुल बनाए गए। लकड़ी के पुलों से होकर ट्रेन गुजरती थी।

आज भी रखे हैं चार इंजन

जानकारी के अनुसार लक्ष्मीपुर एकमा डिपो में 40 हॉर्स पावर के 4 इंजन रखे हुए हैं। इसके साथ ही 26 बोगियां, 2 निरीक्षण ट्रॉली सहित कई सारे उपकरण सुरक्षित रखे हुए हैं। ज्ञात हो कि वर्ष 2009 में सरकार के निर्देश पर 1 इंजन, 1 सैलून एवं 1 बोगी को लखनऊ चिड़ियाघर में सुरक्षित रखवा दिया गया।

स्वीकृति मिलते ही शुरू होगा कार्य

इस रेल परियोजना के संबंध में डीएम सत्येंद्र कुमार का कहना है कि ट्राम वे रेल परियोजना अवश्य शुरू होगी। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट तैयार करने को कंसल्टेंट एजेंसी तय कर दी गई है। फाइनल डीपीआर जल्द ही सबमिट हो जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि इसी वर्ष इस डीपीआर को स्वीकृति मिल जाए। स्वीकृति मिलते ही आगे की प्रक्रिया शुरू करा दी जाएगी।

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