Gajraj Mahotsav: एमपी के उमरिया में शुरू हुई गजराजों की मौज, प्रिय भोजन देने के साथ हो रही विशेष खातिरदारी

MP News: मध्यप्रदेश में उमरिया में गजराजों की मौज प्रारंभ हो गई है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में सात दिवसीय गजराज महोत्सव का आयोजन शुरू कर दिया गया है। इस दौरान हाथियों को प्रिय भोजन देने के साथ ही उनकी विशेष खातिरदारी की जाती है।

Update: 2023-09-22 10:26 GMT

मध्यप्रदेश में उमरिया में गजराजों की मौज प्रारंभ हो गई है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में सात दिवसीय गजराज महोत्सव का आयोजन शुरू कर दिया गया है। इस दौरान हाथियों को प्रिय भोजन देने के साथ ही उनकी विशेष खातिरदारी की जाती है। सात दिनों तक इनसे किसी तरह का काम नहीं करवाया जाता है। उनके स्नान के साथ ही तेल मालिश और पूजा अर्चना के बाद खाने को प्रिय भोजन परोसा जा रहा है।

स्नान के बाद अरंडी के तेल से की जाती है मालिश

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में वन्य जीव संरक्षण में मुख्य भूमिका निभाने वाले हाथियों की खातिरदारी के लिए गुरुवार से सात दिवसीय हाथी महोत्सव प्रारंभ हो गया है। यहां 12 हाथियों की विशेष खातिरदारी की जा रही है। उन्हें प्रातः स्नान कराया जाता है। इसके बाद अरंडी के तेल से मालिश की जाती है। जिसके बाद पूजा-अर्चना होती है फिर गुड़, चना, गन्ना व मौसम फिल इन्हें भोजन के रूप में खाने को दिये जा रहे हैं। वन्य जीव विशेषज्ञ चिकित्सकों से इनका स्वास्थ्य परीक्षण करवाकर आवश्यक उपचार कराया जा रहा है। इस अवसर पर पार्क प्रबंधन द्वारा आसपास के नागरिकों को भी इसमें शामिल करता है जिससे हाथियों के वन्य जीव प्रबंधन में निभाए जाने वाले महत्व से उनको अवगत कराया जा सके।

साल भर में सात दिन का देते हैं विश्राम

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में प्रबंधन द्वारा हाथियों को साल भर में सात दिन का विश्राम दिया जाता है। इस दौरान उनसे किसी भी तरह का कार्य नहीं लिया जाता। उन्हें एक साथ रखकर उनकी विशेष खातिरदारी की जाती है। टाइगर रिजर्व प्रबंधन का कहना है कि हाथी वन्य जीव प्रबंधन में मुख्य भूमिका में रहते हैं। यह बाघों की निगरानी से लेकर उनका रेस्क्यू करने में भी अपनी बड़ी भूमिका निभाते हैं। इन दिनों बांधवगढ़ में जंगली हाथियों ने भी अपना डेरा जमा रखा है जिनको भी नियंत्रित करने में यह हाथी काम आते हैं। हाथियों द्वारा साल भर कार्य किए जाने के चलते इन्हें विश्राम प्रदान किया जाता है। सात दिनों तक इनकी विशेष खातिरदारी की जाती है। जिससे फिर आगे एक साल और काम करने की ऊर्जा का संचार इनमें हो जाता है। हाथी महोत्सव के बहाने ही सही लेकिन बांधवगढ़ प्रबंधन में बड़ी भूमिका निभाने वाले इन हाथियों को सात दिन तक मौज मस्ती करने का खूब अवसर प्रदान किया जाता है।

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