PM मोदी आज 'महाकाल लोक' का लोकार्पण करेंगे: कोई मुख्यमंत्री उज्जैन में रात नहीं काट सकता, जानिए वजह...

आज का दिन महाकाल की नगरी उज्जैन के लिए ऐतिहासिक दिन है. मंगलवार को देश के प्रधानमंत्री उज्जैन में 'महाकाल लोक' का लोकार्पण करने जा रहें हैं. महाकाल लोक प्रोजेक्ट को दो फेज में 856 करोड़ रुपए की लागत से डेवलप किया जा रहा है.

Update: 2022-10-11 06:07 GMT

Mahakal Lok Ujjain

Mahakal Lok Ujjain: आज का दिन महाकाल की नगरी उज्जैन के लिए ऐतिहासिक दिन है. मंगलवार को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उज्जैन में 'महाकाल लोक' का लोकार्पण करने जा रहें हैं. महाकाल लोक प्रोजेक्ट को दो फेज में 856 करोड़ रुपए की लागत से डेवलप किया जा रहा है. वाराणसी में काशी विश्वनाथ के बाद देश के एक और ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर का नया रूप निखर गया है. महाकाल की नगरी उज्जैन में एक मान्यता यह भी प्रचलित है कि यहां कोई राजा या मुख्यमंत्री रात नहीं गुजार सकता है.

बता दें पीएम नरेंद्र मोदी मंगलवार की शाम 6.30 बजे 200 संतों और 60 हजार लोगों की मौजूदगी में महाकाल लोक का लोकार्पण करेंगे. इसके लिए सिर्फ उज्जैन ही नहीं बल्कि इंदौर से उज्जैन तक लगभग 60 किमी के पूरे रास्ते को दुल्हन की तरह संजोया गया है. एमपी के ये दोनों शहर बेहद खूबसूरत नजर आ रहें हैं. पीएम मोदी इंदौर एयरपोर्ट पहुंचेगे इसके बाद वे हैलीकॉप्टर से सीधे उज्जैन जाएंगे. वापसी में पीएम मोदी उज्जैन से इंदौर सड़क मार्ग से जा सकते हैं. 

महाकाल लोक प्रोजेक्ट

महाकाल लोक प्रोजेक्ट को दो फेज में 856 करोड़ रुपए की लागत से डेवलप किया जा रहा है. इसके बाद 2.8 हेक्टेयर में फैला महाकाल परिसर 47 हेक्टेयर का हो जाएगा. इसमें 946 मीटर लंबा कॉरीडोर है, जिस पर चलकर भक्त गर्भगृह तक पहुंचेंगे. 

40 देशों में लाइव प्रसारण

उज्जैन में महाकाल लोक के लोकार्पण से पहले गायक कैलाश खेर महाकाल स्तुति करेंगे. मध्यप्रदेश, गुजरात, झारखंड, केरल समेत 6 राज्यों के कलाकार इस दौरान प्रस्तुति देंगे. कार्यक्रम का सीधा प्रसारण 40 देशों में होगा. शिप्रा नदी के सभी घाटों पर एक लाख से ज्यादा श्रद्धालु बड़ी स्क्रीन पर कार्यक्रम देखेंगे. मध्य प्रदेश के प्रमुख मंदिरों में लोग शिव भजन, पूजन, कीर्तन, अभिषेक, आरती करेंगे. शंख, घंटे-घड़ियाल बजने के साथ ही मंदिरों, नदियों के तट और घरों में दीपक जलाए जाएंगे.

महाकाल मंदिर के तीन भाग

उज्जैन का महाकाल ज्योतिर्लिंग तीन भागों में बटा हुआ है. जिसके ऊपरी भाग में नागचंद्रेश्वर मंदिर (Nagchandreshwar Temple), मध्य भाग में ओंकारेश्वर मंदिर (Omkareshwar Temple) और निचले भाग में बाबा महाकाल (Baba Mahakal) विराजमान हैं. साथ ही बता दें की महाकाल ज्योतिर्लिंग में भोलेनाथ का दक्षिणामुखी शिवलिंग (Dakshin Mukhi Shivling) है, जो कि सभी ज्योतिर्लिंगों से अलग है.

कोई मंत्री नहीं रुकता रात

उज्जैन में लंबे समय से एक मान्यता प्रचलित है, कि यहां कोई भी मुख्यमंत्री रात नहीं गुजार सकता है. अगर वह ऐसा करता है तो उसे सत्ता से हाथ धोना पड़ता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन के राजाधिराज हैं और यहीं कारण है कि महाकाल के दरबार में एक साथ दो राजा नहीं रूक सकते हैं.

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