World's Highest Bridge: कश्मीर में बन रहा दुनिया का सबसे ऊंचा ब्रिज 'Chenab Arch Bridge'

Chenab Bridge Kashmir: आज़ादी के बाद पहली बार श्रीनगर को भारत से जोड़ा जाएगा, चिनाब नदी के ऊपर बनाए जा रहे दुनिया सबसे ऊंचे पुल से यह संभव हो पाया है

Update: 2022-08-12 10:30 GMT

Chenab Bridge Kashmir: भारत के कश्मीर में दुनिया का सबसे ऊंचा पुल बन रहा है. आज़ादी के बाद पहली बार श्रीनगर को भारत से जोड़ने वाला Chenab Arch Bridge लगभग बनकर तैयार हो गया है. चिनाब नदी के ऊपर से गुजरने वाला चिनाब ब्रिज पेरिस के एलफिल टावर से भी ऊंचा है. असल में चिनाब ब्रिज दुनिया का सबसे ऊंचा सिंगल आर्च रेलवे ब्रिज (World's highest single arch railway bridge) है. 

Chenab Bridge Srinagar में ओवरडार्क डेक को 13 अगस्त के दिन लॉन्च किया जाना है.यह पुल के दोनों ओर सलाल-ए और दुग्गा रेलवे स्टेशनों को रियासी जिले में शक्तिशाली चिनाब नदी से जोड़ेगा। इसे राष्ट्रीय एकता के प्रतीक के रूप में देखा जाएगा। 

दुनिया का सबसे ऊंचा ब्रिज 

World's Highest Bridge: फ़िलहाल दुनिया का सबसे ऊंचा ब्रिज चीन में है. जो गुइझोउ प्रांत में बेपनजियांग नदी पर स्थित है, जिसकी जल स्तर से ऊंचाई 275 मीटर है। लेकिन जब भारत के चिनाब ब्रिज शुरू हो जाएगा तब यही दुनिया का सबसे ऊंचा पुल कहलाएगा।  

चिनाब ब्रिज श्रीनगर (Chenab Bridge Srinagar)

चिनाब ब्रिज की ऊंचाई: चिनाब आर्च रेलवे ब्रिज की ऊंचाई 359 मीटर है, वहीं नदी के जल स्तर से इसकी उंचाई 257 मीटर है 

चिनाब ब्रिज की लंबाई : चिनाब पुल की लंबाई 1315 मीटर है 

चिनाब ब्रिज की लागत: चिनाब ब्रिज के निर्माण की लागत तकरीबन 1,486 करोड़ है, जिसमे 28,660 मीट्रिक टन स्टील का इस्तेमाल किया गया है. इस ब्रिज को सहारा देने वाले आर्च का वजन 10,619 मीट्रिक टन है. चिनाब ब्रिज में पिलर्स की संख्या 17 है. 

चिनाब ब्रिज कब शुरू होगा: चिनाब पुल का निर्माण 98% तक पूरा हो गया है. जल्द ही इस ब्रिज को शुरू कर दिया जाएगा और यहां से ट्रेन गुजरने लगेगी। चिनाब ब्रिज में सर्फ एक गोल्डन जोइंट (Golden Joint Chenab Bridge) को 13 अगस्त के दिन लगा दिया जाएगा और इसी के साथ दुनिया के सबसे ऊंचे पुल का काम पूरा हो जाएगा 

चिनाब ब्रिज की विशेषता 

चिनाब ब्रिज में इस्तेमाल किया गया स्टील माइनस 40 डिग्री तक के तापमान को झेल सकता है, यह 120 सालों के लिए बनाया गया है जिसे 100 किमी की स्पीड से चलने वाली ट्रेन को ध्यान में रखकर बनया गया है. इस पुल में 266 किमी प्रति घंटे की स्पीड से आ रही हवाओं, विस्फोट और गंभीर भूकंप का सामने करने की क्षमता है. 

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