Government Fuel New Rules: बहुत सस्ता होने वाला है डीजल-पेट्रोल, मोदी सरकार लाने वाली है नया नियम

Government Fuel New Rules: बहुत सस्ता होने वाला है डीजल-पेट्रोल, मोदी सरकार लाने वाली है नया नियम! Diesel-Petrol is going to be very cheap, Modi government is going to bring new rules

Update: 2022-07-19 06:40 GMT

Government Fuel New Rules: महंगाई की मार झेल रही जनता के लिए राहत भरी खबर बहुत जल्दी मिलने वाली है। डीजल-पेट्रोल के बढ़े दाम से छुटकारा दिलाने के लिए मोदी सरकार घटे हुए कच्चे तेल की कीमतों का फायदा आम जनता को दिलाने जा रही है। देखा गया है कि कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के बाद भी विपणन कंपनियां देश के उपभोक्ताओं को इसका लाभ नहीं दे रही हैं। ऐसे में बहुत जल्दी सरकार दैनिक मूल्य निर्धारण नीति की समीक्षा करेगी।

कच्चे तेल के दाम घटे

वर्तमान समय में कच्चे तेल की कीमत में कमी आई है। लेकिन इसका फायदा तेल कंपनियां उपभोक्ताओं को नहीं दे रही हैं। जानकारी के अनुसार अप्रैल में कच्चे तेल की कीमत 130 डॉलर प्रति बैरल थी। जबकि वर्तमान समय में तेल की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल है। इसके बाद भी तेल कंपनियां दाम नहीं घटाया।


नुकसान का हवाला देती हैं कंपनियां

तेल का दाम न घटाने के लिए कंपनियों का कहना है कि उन्हें काफी नुकसान हो रहा है। कंपनियों का कहना है कि डीजल की बिक्री पर प्रति लीटर 20 से 25 रुपए तथा पेट्रोल में 14 से 18 रुपय प्रति लीटर का नुकसान हो रहा है। कंपनियों ने इसके लिए पेट्रोलियम मंत्रालय को पत्र लिखकर उचित कदम उठाने की मांग की है।

घटना चाहिए दाम

वहीं जानकारों ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया था कि मौजूदा नीति के अनुसार तेल की कीमतों को कम करना चाहिए। सीएलएसए की रिपोर्ट में बताया गया कि 12 डॉलर प्रति बैरल के अप्रत्याशित लाभ कर की वजह से सोधन से प्राप्त लाभ 2 डॉलर प्रति बैरल रह गया है। इसी तरह निर्यात कर के बाद डीजल पर लाभ 26 डॉलर प्रति बैरल से घटकर सिर्फ 2 डॉलर प्रति बैरल रह गया है।

सरकार ने घटाया था उत्पादन शुल्क

आम जनता को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने डीजल पेट्रोल पर उत्पादन शुल्क घटाया था। जानकारी के अनुसार मई के अंतिम सप्ताह में उत्पादन शुल्क में 8 रुपए से लेकर 6 रुपय कटौती की थी। परिणाम स्वरूप डीजल पेट्रोल के दाम में 9.5 तथा 7 रुपए प्रति लीटर तक कमी आई थी। लेकिन अब कच्चे तेल की कीमत में गिरावट होने के बाद भी उसका लाभ आम जनता को नहीं मिल रहा है।

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