Mahesh Navami 2022: महादेव और माता गौरी को समर्पित है यह दिन, जानें व्रत का महत्व एवं पूजन विधि

Mahesh Navami 2022: महेश नवमी तिथि के रूप में मनाई जाती है ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की तिथि.

Update: 2022-06-08 09:10 GMT

Mahesh Navami 2022:  ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की तिथी नवमी तिथि महेश नवमी तिथि (Mahesh Navami Tithi) के रूप मनाई जाती है। इस दिन महादेव और माता गौरी की पूजा-अर्चना की जाती है। इसे महेश्वरी समाज के लोग उत्सव के रूप में मनाते है। इस तिथि पर महादेव एवं गौरी की पूजा की जाती है। जिससे सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।

महेश नवमी

इस वर्ष महेश नवमी तिथि 9 जून को मनाई जा रही हैं। महेश नवमी (Mahesh Navami) तिथि यू तो 8 जून से ही लग गई है, लेकिन उदय काल में यह तिथि 9 जून को है। जिसके चलते व्रत और पूजा विधि 9 जून को ही ज्यादा लाभकारी होगी।

इस व्रत को करने वाले लोग सुबह जल्दी उठ कर स्नान आदि करने के बाद महादेव और मां गौरी की पूजा करते है। वे महादेव की प्रिय भांग-धतुरा आदि व माता गौरी के श्रृंगार सामग्री से पूजा-अर्चना करते है।

इस तरह की है कथा

जानकार पंडितो का कहना है कि इस दिन महेश्वरी सामाज की स्थापना हुई थी। जिसके चलते वे इस तिथि को उत्सव के रूप में मनाते है। बताते है कि पूर्व में ये क्षत्रीय थें। एक बार ये शिकार पर निकले थे। उन्हे ऋषिमुनियों ने श्राप दे दिया। इससे मुक्ति पाने के लिए उन्होने महादेव के उपासना किए और महादेव ज्येष्ठ मास की नवमी तिथि को ही उन्हे श्राप से मुक्ति दिलाई थी। तब ये महेश्वरी सामाज की स्थापना किए और पूरी तरह से शाकाहारी हो गए। यही वजह है कि इस तिथि को वे महेश नवमी तिथि के नाम से पूजा जाता है।

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