Chanakya Niti : इंसान को परखने के लिए अपनाएं ये चार उपाय, फिर कभी नहीं खाएंगे धोखा

Chanakya Niti : जीवन में इंसान का कई तरह के लोगों से पाला पड़ता हैं। सीधा-साधा इंसान हर किसी पर आंख मूंद कर भरोसा कर लेता हैं। लेकिन बाद में जब उसे धोखा मिलता है तो वह पूरी तरह से टूट जाता हैं। धोखे से टूटा हुआ व्यक्ति की नजर में अन्य लोग भी धोखेबाज ही नजर आते हैं।

Update: 2021-03-20 23:43 GMT

Chanakya Niti : जीवन में इंसान का कई तरह के लोगों से पाला पड़ता हैं। सीधा-साधा इंसान हर किसी पर आंख मूंद कर भरोसा कर लेता हैं। लेकिन बाद में जब उसे धोखा मिलता है तो वह पूरी तरह से टूट जाता हैं। धोखे से टूटा हुआ व्यक्ति की नजर में अन्य लोग भी धोखेबाज ही नजर आते हैं। ऐसे में आचार्य चाणक्य कहते है कि अगर किसी इंसान को परखना है तो इन चार बातों को एक बार जरूर लाइफ में आजमा कर देखें। हो सकता इन उपायों आपको थोड़ा-बहुत नुकसान हो जाए, लेकिन फिर यह निश्चित हो जाएगा कि फिर आप जीवन में कभी धोखा नहीं खाएंगे। 

आचार्य चाणक्य एक बहुत बड़े ज्ञाता था। उन्होंने जीवन को खुशहाल बनाने के लिए कई नीतियां बताई है। अगर जीवन में आप भी सुख, शांति एवं समृद्धि चाहते है तो आचार्य द्वारा बताई गई बातों पर अमल जरूर करें। उनकी नीतियां थोड़ी कठोर जरूर है, लेकिन आज की लाइफ में बेहद सटीक बैठती हैं। आचार्य की नीतियां आपको जीवन के हर मोड़ में काम आएगी। आचार्य द्वारा बताई नीतियों में से आज हम आपको जीवन में लोगों की परख कैसे करें। उसके बारे में जानेंगे। 

आचार्य कहते है कि अगर जीवन में किसी को परखना है तो इन चार चीजों को अवश्यक आजमाना चाहिए। सबसे पहला किसी से सलाह लेना, किसी के साथ भोजन करना, सम्मान देना एवं किसी को कर्ज देना। आचार्य की माने तो अगर किसी की अच्छाई देखनी है तो सबसे पहले उससे सलाह लीजिए। क्योंकि इंसान कई बार ऐसी सलाह दे देता वह खुद आजमाता है, जबकि कई बार वह प्रैक्टिकली सलाह दे डालता हैं। 

इसी तरह अगर किसी के गुण की परख करनी तो उसके साथ भोजन करो। इससे उसके गुण आदि को जज किया जा सकता हैं। खाना खाते समय खाना कैसा बना, वह कैसे परस रहा है एवं किस तरह से खाना खा रहा है आदि। इसी तरह आचार्य तीसरी चीज सम्मान देने की बात कहते है। आचार्य का मत है कि सम्मान देने से कई बार व्यक्ति इतराने लगता हैं। जबकि कई व्यक्ति वैसे ही रहते हैं।

ऐसे ही आचार्य कहते है कि किसी की नीयत देखनी है तो उसे कर्ज दे दो। क्योंकि जो इंसान सही होता है वह नियत समय में कर्ज चुकाने का प्रयास करता है, लेकिन जिसकी नीयत ठीक नहीं है तो वह कर्ज लेकर भूल जाता हैं। चाणक्य कहते है कि कर्ज देकर इंसान की कई तरह से परख की जा सकती हैं। 

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