न्यूली वेड महिला अधिकारी फरार: फर्जी प्रमोशन लेटर के जरिए प्रमोशन लेने पहुंची सिंगरौली नगर निगम की सब इंजीनियर शिवानी गर्ग, धोखाधड़ी का केस दर्ज

सिंगरौली नगर निगम की सब इंजीनियर शिवानी गर्ग पर फर्जी दस्तावेज़ के आधार पर प्रमोशन लेने की कोशिश करने पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज। जांच में दस्तावेज़ नकली पाया गया।;

Update: 2025-11-09 11:14 GMT
Highlights:
  • सब इंजीनियर शिवानी गर्ग पर फर्जी प्रमोशन दस्तावेज़ देने का आरोप।
  • नगर निगम कमिश्नर की शिकायत पर बैढ़न कोतवाली में केस दर्ज।
  • जांच में प्रमोशन लेटर पूरी तरह फर्जी पाया गया।
  • शिवानी गर्ग एक महीने की छुट्टी लेकर फिलहाल फरार, मोबाइल स्विच ऑफ

सिंगरौली नगर निगम में पदस्थ सब इंजीनियर शिवानी गर्ग पर फर्जी दस्तावेज तैयार कर पदोन्नति का लाभ लेने का गंभीर आरोप लगा है। नगर निगम कमिश्नर की शिकायत पर बैढ़न कोतवाली पुलिस ने उनके खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला दर्ज किया है।

फर्जी आदेश दिखाकर मांग रही थीं सहायक यंत्री का पद

जानकारी के अनुसार शिवानी गर्ग ने 21 अगस्त 2025 को एक पदोन्नति आदेश कार्यालय में प्रस्तुत किया था, जिसमें दावा किया गया था कि उन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय, भोपाल से सहायक यंत्री के पद पर प्रमोशन दिया गया है। इस आधार पर उन्होंने नगर निगम से नए पद का कार्यभार संभालने की मांग की।

जांच में निकला दस्तावेज़ पूरी तरह फर्जी

कमिश्नर सविता प्रधान को आदेश पर संदेह हुआ। उन्होंने नगरीय प्रशासन विभाग और मुख्यमंत्री कार्यालय से पुष्टि कराई। जांच रिपोर्ट 4 नवंबर 2025 को आई, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया कि ऐसा कोई आदेश जारी ही नहीं किया गया और प्रस्तुत किया गया पत्र पूरी तरह नकली है।

फरार चल रही है सब इंजीनियर

जांच के बाद शिवानी को आवास योजना अनुभाग में अटैच कर दिया गया था, लेकिन कुछ दिनों बाद वह एक महीने की छुट्टी लेकर निकल गईं। निगम के सूत्रों के अनुसार उनका मोबाइल स्विच ऑफ है और वह वर्तमान में लापता हैं। शिवानी की छह महीने पहले ही शादी हुई थी।

पुलिस जांच अब बड़े नेटवर्क की ओर

नगर पुलिस अधीक्षक पीएस परस्ते ने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है। अब यह जांच की जा रही है कि फर्जी आदेश किसने बनाया, और क्या इसमें अन्य लोग भी शामिल थे।

Q1. क्या शिवानी गर्ग को गिरफ्तार किया गया है?

नहीं, वह फिलहाल फरार हैं। पुलिस उनकी तलाश कर रही है।

Q2. क्या आदेश वास्तव में मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी हुआ था?

नहीं, जांच में दस्तावेज़ पूरी तरह फर्जी पाया गया।

Q3. केस किस धाराओं में दर्ज हुआ है?

धोखाधड़ी और जालसाजी के प्रावधानों के तहत केस दर्ज किया गया है।

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