एमपी सिंगरौली के इस शासकीय स्कूल का हाल बेहाल, एक शिक्षक हैं पदस्थ वह भी रहते हैं गायब

MP News: मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिला अंतर्गत आने वाले धतूरा गांव के पोखरा टोला के शासकीय प्राथमिक शाला का हाल बेहाल है। यहां एक शिक्षक पदस्थ हैं वह भी स्कूल से गायब रहते हैं।

Update: 2023-08-19 09:15 GMT

मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिला अंतर्गत आने वाले धतूरा गांव के पोखरा टोला के शासकीय प्राथमिक शाला का हाल बेहाल है। यहां एक शिक्षक पदस्थ हैं वह भी स्कूल से गायब रहते हैं। ऐसे में स्कूल में ताला ही लटका नजर आता है। जिससे नौनिहालों की पढ़ाई का अंदाजा स्वयं ही लगाया जा सकता है। बच्चे स्कूल पढ़ने के लिए पहुंचते तो हैं किन्तु ताला बंद होने के कारण वह निराश होकर वापस अपने घर लौट जाते हैं।

15 दिनों से स्कूल में बंद है ताला

ग्रामीणों का कहना है कि शासकीय प्राथमिक शाला पोखरा टोला का ताला कभी-कभार ही खुलता है। अभी विगत 15 दिनों से स्कूल में ताला बंद है। एक पखवाड़े से स्कूल नहीं खुल सका है। ग्रामीणों के मुताबिक यहां एक शिक्षक पदस्थ हैं जो कभी-कभार ही विद्यालय पहुंचते हैं। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई का भगवान ही मालिक है। वहीं एक अन्य ग्रामीण का कहना है कि स्कूल के शिक्षक बीएलओ का कार्य भी करते हैं जिसके कारण वह स्कूल नहीं पहुंच पाते हैं। स्कूल नहीं खुलने से ग्रामीणों में आक्रोश साफ देखा गया उनका कहना था कि सरकार यदि स्कूल नियमित संचालित नहीं का पा रही है तो ऐसे स्कूल को बंद कर देना चाहिए।

तकरीबन 50 बच्चे करते हैं पढ़ाई

सिंगरौली के पोखरा टोला स्थित शासकीय प्राथमिक शाला नहीं खुलने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। कक्षा 1 से 5 तक पढ़ने वाले छात्र स्कूल जाते हैं किंतु उन्हें निराशा ही हाथ लगती है। ऐसे में वह घर आकर पढ़ने करने को मजबूर हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यहां की प्राथमिक स्कूल में तकरीबन 50 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं किंतु शिक्षक के न आने से आधे से ज्यादा छात्र दूसरे स्कूल की ओर रुख कर लिए। जो बच्चे बचे भी हैं उनका भी इस स्कूल से मोह भंग होता नजर आ रहा है।

इनका कहना है

इस संबंध में सिंगरौली अपर कलेक्टर अरविंद झा का कहना है कि स्कूल को समय पर खुलना चाहिए। यदि वह बंद है तो इसकी जांच कराई जाएगी। वहीं यदि शिक्षक को बीएलओ कार्य की जिम्मेदारी मिली भी होगी तो स्कूल टाइमिंग के बाद भी इस कार्य को कर सकते हैं। क्योंकि उनको इसका अतिरिकत भुगतान मिलता है। मामले की जांच कराकर उचित कार्रवाई की जाएगी।

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