शहडोल के उत्कर्ष केशरी ने किया कमाल: मध्यप्रदेश टूरिज्म में मिला सम्मान, छोटे कस्बे से निकली बड़ी प्रेरणा

छोटे कस्बे ब्योहारी से निकलकर राज्यस्तरीय मंच तक पहुंचे उत्कर्ष केशरी, पर्यटन और संस्कृति के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए हुए सम्मानित।;

Update: 2025-08-02 16:19 GMT

ब्योहारी, शहडोल, मध्य प्रदेश – यह अक्सर कहा जाता है कि बड़े सपने देखने और उन्हें पूरा करने के लिए बड़े शहरों या असीमित संसाधनों की आवश्यकता होती है, लेकिन शहडोल जिले की ब्योहारी तहसील के उत्कर्ष केशरी ने इस धारणा को पूरी तरह गलत साबित कर दिया है। हाल ही में मध्यप्रदेश टूरिज्म द्वारा आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में उत्कर्ष को उनके पर्यटन और संस्कृति के क्षेत्र में किए गए सराहनीय प्रयासों के लिए सम्मानित किया गया है। यह सम्मान न केवल उत्कर्ष की व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि पूरे शहडोल जिले और खासकर ब्योहारी जैसे छोटे कस्बों के युवाओं के लिए एक बड़ी प्रेरणा है।

सादे जीवन और बड़े सपनों का संगम

उत्कर्ष केशरी के पिता श्री राजेश गुप्ता के सादा जीवन और नैतिक मूल्यों से प्रेरित होकर उत्कर्ष ने अपने बचपन से ही बड़े सपने देखना शुरू कर दिया था। ब्योहारी जैसे सीमित संसाधनों वाले माहौल में पले-बढ़े इस युवा ने यह दिखा दिया कि जुनून और कड़ी मेहनत हो तो किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है, भले ही शुरुआत कहीं से भी हो। उनकी यह उपलब्धि इस बात का प्रमाण है कि सफलता के लिए शहर का आकार नहीं, बल्कि व्यक्ति का संकल्प मायने रखता है।

जिले के युवाओ के लिए मिसाल

ब्योहारी जैसे छोटे कस्बे से निकलकर सीधे राज्यस्तरीय मंच पर सम्मानित होना उत्कर्ष के लिए एक ऐतिहासिक पल है। यह उपलब्धि केवल उनकी मेहनत का फल नहीं, बल्कि यह पूरे शहडोल जिले के युवाओं के लिए एक नया मार्गदर्शक भी है। यह साबित करता है कि स्थानीय प्रतिभाएं, यदि सही दिशा और जुनून के साथ काम करें, तो वे राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बना सकती हैं। उत्कर्ष ने यह दर्शाया है कि छोटे शहर की पृष्ठभूमि किसी भी सपने के रास्ते में बाधा नहीं बन सकती।

यह सम्मान हर उस जुझारू युवा का

उत्कर्ष केशरी को मिला यह सम्मान केवल एक व्यक्ति विशेष का सम्मान नहीं है, बल्कि यह हर उस जुझारू युवा का प्रतीक है जो सीमित साधनों में भी असीम संभावनाओं को खोजने का हौसला रखता है। यह उन सभी युवाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत है जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं, और यह संदेश देता है कि कड़ी मेहनत, लगन और सही दृष्टिकोण से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। उत्कर्ष की यह कहानी अब शहडोल के कोने-कोने में गूंज रही है और कई युवाओं को बड़े सपने देखने और उन्हें पूरा करने के लिए प्रेरित कर रही है।

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