सतना: फर्जी तरीके से नौकरी हथियाने के मामले में बड़ा फैसला, अतिथि शिक्षक को आजीवन कारावास की सजा

Get Latest Hindi News, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, Today News in Hindi, Breaking News, Hindi News - Rewa Riyasat

Update: 2021-02-16 06:11 GMT

सतना. फर्जी अंकसूची तैयार कर अतिथि शिक्षक की नौकरी हथियाने के मामले में न्यायालय ने बड़ा फैसला दिया है। एडीजे कोर्ट नागौद दिनेश कुमार शर्मा की अदालत ने आरोपी शिक्षक को आजीवन कारावास की सजा के साथ ही दो लाख रुपए अर्थदंड से दंडित किया है। अभियोजन की ओर से एजीपी राजेश कुमार मिश्रा ने अदालत में पैरवी की।

एजीपी राजेश मिश्रा ने बताया कि, महेंद्र कुमार शुक्ला ने शासकीय हाई स्कूल खनगढ़ में शिक्षण सत्र वर्ष 2008-09 में अतिथि शिक्षक विज्ञान संकाय पद के लिए आवेदन किया। उसने अन्य दस्तावेजों के साथ बीएससी अंतिम वर्ष की अंकसूची की प्रमाणित छायाप्रति भी संलग्न की थी, जिसके आधार पर उसे नियुक्ति मिल गई। प्राचार्य हाईस्कूल खनगढ़ ने 30 अगस्त 2008 को नियुक्ति आदेश जारी कर दिया। नियुक्ति के बाद महेंद्र कुमार शुक्ला ने बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया।

ऐसे हुआ खुलासा

प्राचार्य हाईस्कूल खनगढ़ ने अभियुक्त के आवेदन के साथ संलग्न किए गए दस्तावेजों का सत्यापन कराया। शासकीय स्वशासीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सतना ने सत्यापन के बाद बताया कि महेंद्र ने बीएससी अंतिम वर्ष की जाली अंकसूची लगाई है। प्राचार्य ने इसके बाद मामले की शिकायत सिंहपुर थाने में दर्ज कराई। पुलिस ने अभियुक्त के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कर मामले की जांच शुरू की। जांच पूरी होने के बाद अभियुत के खिलाफ कमिटल न्यायालय में चालान पेश किया गया। कमिटल न्यायालय ने मामला विचारण के लिए सत्र न्यायाधीश सतना को भेजा। यहां से अंतरण पर मामला प्रथम अपर सत्र न्यायालय नागौद को प्राप्त हुआ।

दूसरे की अंकसूची में दर्ज कराया था अपना नाम पुलिस ने मामले की जांच की तो सामने आया कि अभियुक्त महेंद्र ने अतिथि शिक्षक की नियुक्ति पाने के लिए विपुल सरदार की बीएससी अंतिम वर्ष की अंकसूची में कूटरचना की थी। विपुल सरदार के नाम के स्थान पर अपना नाम लिखा, उसके पिता के नाम के स्थान पर अपने पिता का नाम, उसकी मां के नाम के स्थान पर अपनी मां का नाम कर दिया।

न्यायालय ने की कड़ी टिप्पणी, कहा-आरोपी के प्रति नम्र रुख अपनाना उचित नहीं

फैसला सुनाते हुए अदालत ने तल्ख टिप्पणी की। कहा, आरोपी के विरुद्ध प्रमाणित अपराध की गंभीरता और समाज पर पडऩे वाले प्रभाव को देखते हुए नम्र रुख अपनाया जाना उचित प्रतीत नहीं होता।

इन धाराओं में हुई सजा न्यायालय में विचारण के दौरान अभियुक्त महेंद्र कुमार शुक्ला पिता बैकुंड प्रसाद शुक्ला उम्र ४६ निवासी करसरा थाना सिंहपुर, सतना के खिलाफ अपराध प्रमाणित होना पाया। अदालत ने भादवि की धारा ४२० के तहत सात वर्ष का कारावास, 50 हजार जुर्माना, धारा 476 के तहत आजीवन कारावास व 50 हजार जुर्माना, धारा 468 के तहत सात वर्ष का कारावास, 50 हजार जुर्माना, धारा 471 के तहत सात वर्ष का कारावास और 50 हजार जुर्माना लगाया। न्यायालय ने यह भी आदेश दिए कि मूल कारावास की सभी सजा एक साथ भुगतायी जाएं।

Similar News