रीवा पुलिस का इनामी सतना में धड़ल्ले से कर रहा है नौकरी
Get Latest Hindi News, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, Today News in Hindi, Breaking News, Hindi News - Rewa Riyasat
रीवा। जिला रोजगार अधिकारी के पद पर कार्यरत अमित सिंह के खिलाफ रीवा के सिविल लाइन थाने में जालसाजी का मुकदमा दर्ज है और उसकी गिरफ्तारी के लिए वहां के पुलिस अधीक्षक ने 10 हजार का इनाम भी घोषित किया है लेकिन पुलिस 19 माह बाद भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पाई, जबकि वह यहां पर धड़ल्ले से नौकरी कर रहा था।
गौरतलब है कि आरोपी अधिकारी की पत्नी के द्वारा दहेज के लिए प्रताडि़त किए जाने की शिकायत के साथ ही जाली अंकसूची का मामला उठाया गया था, तब पुलिस ने जांच पड़ताल कराई तो प्रथमदृष्टया आरोप साबित हो गया और मॉडल साइंस कॉलेज रीवा के प्रोफेसर रवीन्द्रनाथ तिवारी के आवेदन पर जून-2018 में सिविल लाइन पुलिस ने धारा 420 का प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया।
प्राध्यापक ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि अमित कभी कॉलेज का छात्र नहीं रहा। वर्ष 1999 से 2004 के बीच पढ़ाई कर बीएससी और एमएससी की डिग्री हासिल करने का उसका दावा गलत है। कॉलेज में ऐसा कोई रिकार्ड उपलब्ध ही नहीं है, जबकि आरोपी ने शैक्षणिक दस्तावेजों में इसी कॉलेज की दोनों अंकसूचियां लगाई थीं। एफआईआर दर्ज होने के एक साल बाद भी गिरफ्तारी नहीं होने पर रीवा एसपी ने फरार आरोपी पर 10 हजार का इनाम घोषित कर दिया था। हैरानी की बात यह है कि छोटे-मोटे अपराधियों को भी देश के कोने-कोने से पकड़ लाने वाली पुलिस मात्र 52 किलोमीटर का सफर तय कर इनामी आरोपी तक नहीं पहुंच पा रही है और न ही यहां की पुलिस से मदद मांग रही है।
पत्नी ने कर रखी है दहेज प्रताडऩा की शिकायत जिला रोजगार अधिकारी अमित सिंह के खिलाफ पत्नी ने दहेज प्रताडऩा का मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें आरोपी को जमानत मिल चुकी है, पर 420 के मामले में वह अब भी फरार है।
विश्वविद्यालय में भी नहीं मिला रिकार्ड आरोपी अमित सिंह के शैक्षणिक दस्तावेजों का कोई साक्ष्य रीवा विश्वविद्यालय में भी नहीं मिला। सिविल लाइन पुलिस ने पत्र लिखकर जांच में सहयोग का आग्रह किया था, पर अब तक कोई भी कागज खोजा नहीं जा सका है। तमाम साक्ष्यों और प्रथमदृष्टया आरोप सही होने के बाद भी फरार अधिकारी की गिरफ्तारी नहीं होने से शिकायतकर्ता का विश्वास पुलिस से उठता जा रहा है।