प्रधान आरक्षक को 4 वर्ष का कारावास, चार हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े गए : SATNA NEWS

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Update: 2021-02-16 06:13 GMT

सतना। चार हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े गए आरक्षक राजभान मिश्रा पिता केपी मिश्रा निवासी झिन्ना थाना ताला, तत्कालीन प्रधान आरक्षक कोलगवां को पीसी एक्ट की विशेष अदालत ने 4 साल के कारावास की सजा से दंडित किया है। विशेष न्यायाधीश  रविन्द्र प्रताप सिंह चुंडावत ने आरोपी पुलिसकर्मी पर 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक मो. फखरुद्दीन  और एडीपीओ बीएन शर्मा ने पक्ष रखा।  टिकुरिया टोला निवासी धीरज कुशवाहा ने 13 अप्रैल 2016 को पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त कार्यालय रीवा में लिखित शिकायत किया था कि उसके विरुद्ध थाना कोलगवां में दर्ज मारपीट के प्रकरण की जांच आरोपी प्रधान आरक्षक कर रहे हैं। जमानत देने और सहयोग के लिए 5 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहे हैं, लेकिन वह रिश्वत नहीं देना चाहता। प्रथम दृष्टया जांच उपरांत प्रकरण दर्ज कर ट्रेप दल निरीक्षक अरविंद तिवारी के नेतृत्व में गठित किया गया।

बातचीत के बाद 5 हजार की जगह 4 हजार रुपए रिश्वत तय हुई। 20 अप्रैल 2016 को ट्रेप दल ने 4 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए टिकुरिया टोला पुलिस चौकी के पास से प्रधान आरक्षक को रंगे हाथों पकड़ लिया। विवेचना के बाद आरोपी के विरुद्ध धारा  7 और 13(1 डी)2 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम का आरोप पत्र विचारण के लिए विशेष अदालत में लोकायुक्त ने पेश किया। अपराध प्रमाणित पाए जाने पर  न्यायालय ने आरोपी को जेल और जुर्माने की सजा से दंडित किया है।

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