प्रगति कमजोर मिलने पर ब्लाक को-ऑर्डिनेटरों का 15 दिन का वेतन काटने के आदेश : SATNA NEWS

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Update: 2021-02-16 06:13 GMT

सतना जिपं सीईओ ने कल सोमवार को स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान चार विकासखंडों में प्रगति कमजोर मिलने पर ब्लाक को-ऑर्डिनेटरों का 15 दिन का वेतन काटने के आदेश जारी किए हैं। साथ ही संबंधित अधिकारियों को भी फटकार लगाई है। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण योजना के तहत शासन की ओर से एलओबी-2 एवं एनएलबी शौचालयों के निर्माण के लिए 29 फरवरी तक की समय सीमा तय की गई है। जिपं सीईओ ने समीक्षा में पाया कि शौचालयों का निर्माण एवं उनके भुगतान की प्रगति का ऑनलाइन पोर्टल में चार जनपदों में निर्धारित समय सीमा में प्रगति लक्ष्य अनुरूप नहीं मिली। उन्होंने नाराजगी जाहिर की और कहा कि इस कारण प्रदेश में जिले की स्थिति अत्यंत खराब बन रही है। साथ ही इस लापरवाही पर चार जनपदों के को-ऑर्डिनेटर का फरवरी माह का 15 दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए गए हैं।

कार्रवाई हुई इन पर :-

जिपं सीईओ ने जिन ब्लॉक समन्वयकों का 15 दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए हैं उनमें सोहावल बीसी विष्णु बागरी, नागौद बीसी पूर्णिमा बागरी, मझगवां बीसी अशोक कुमार परौहा एवं मैहर बीसी रुचि मिश्रा शामिल हैं। इन सभी को 4 फरवरी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था लेकिन आज तक प्रगति संतोषजनक नहीं दिखी। यह भी चेताया गया कि अगर समय सीमा में कार्य पूरा नहीं हुआ तो अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। आवास मामले में भी फटकार जिपं सीईओ ने पीएम आवास योजना के कामों की भी समीक्षा की। पुराने और नए आवासों की समीक्षा की गई। रामपुर बाघेलान और मझगवां की पुराने आवासों की प्रगति कमजोर मिली। इस पर जिपं सीईओ ने फटकार लगाते हुए कहा कि आप लोगों को लगातार निर्देश देने के बाद भी प्रगति नहीं आ रही है। रुचि लेकर काम ही नहीं किया जा रहा है। मझगवां के प्रभारी अधिकारी को स्पष्ट कह दिया कि समय सीमा में अगर काम नहीं हुआ तो फिर आप अपना अच्छा बुरा समझ सकते हो।

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