पायलट प्रोजेक्ट में...सड़क हादसों में घायलों का निजी अस्पतालों में होगा मुफ्त इलाज : SATNA/REWA NEWS

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Update: 2021-02-16 06:13 GMT

सतना. सड़क हादसों में घायल होने वालों को त्वरित और मुफ्त इलाज मिलेगा। इस दिशा में प्रदेश सरकार जल्द ही बड़ी योजना शुरू करने जा रही है। रोड एक्सीडेंट इंश्योरेंस योजना के तहत ऐसे घायलों का निजी अस्पतालों में मुफ्त इलाज किया जाएगा। योजना को पूरे प्रदेश में लागू करने के पहले सतना, रीवा सहित प्रदेश के पांच जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया जाएगा। प्रदेश सरकार ने पाया कि सड़क हादसों में घायल ज्यादातर लोग त्वरित इलाज के अभाव में दम तोड़ देते हैं या फिर उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यह तथ्य भी सामने आया कि घायलों को सबसे पहले इलाज के लिए सरकारी अस्पताल में ले जाया जाता है, उसमें समय भी जाया होता है। इसको लेकर यह निर्णय लिया गया कि सड़क हादसों में घायलों को त्वरित इलाज के लिए निकटतम निजी अस्पताल में नि:शुल्क इलाज प्रदान किया जाएगा। इसका खर्चा सरकार वहन करेगी। योजना का नाम रोड एक्सीडेंट इंश्योरेंस स्कीम रखा गया।

पहले लागू होगा पॉयलट प्रोजेक्ट

योजना को पूरे प्रदेश में लागू करने के पहले सतना, रीवा सहित भोपाल, इंदौर और छिंदवाड़ा में बतौर पायलट प्रोजेक्ट लागू किया जाएगा। यहां योजना की सफलता के बाद और आ रही दिक्कतों को दूर करने के बाद संपूर्ण प्रदेश में लागू किया जाएगा। यह है योजना का उद्देश्य योजना में घायलों को बचाने के लिए दुर्घटना के 24 से 46 घंटे तक प्रयास किए जाएंगे। इसमें प्रति घायल पर 30-60 हजार तक व्यय आने की संभावना मानी गई है। योजना के लिए निजी अस्पतालों के साथ अनुबंध किया जाएगा। साथ ही इस नई पॉलिसी के लिए कंपनी का चयन अगले तीन सालों के लिए किया जाएगा। इसके बाद मध्यप्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन दोबारा टेंडर जारी करेगा। टेंडर में न्यूनतम प्रीमियम लेने वाली कंपनी का चयन किया जाएगा। एमपीआरडीसी नि:शुल्क इलाज के लिए जिन अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन करेगा उसकी सूची इंश्योरेंस कंपनी को भी उपलब्ध कराई जाएगी ताकि कंपनी को घायलों के सर्वे और सत्यापन में किसी तरह की दिक्कत न हो।

थम्ब इम्प्रेशन से पता चलेगा

जिन अस्पतालों में योजना को शुरू किया जाएगा उन्हें आधार कार्ड का सर्वर लॉगइन दिया जाएगा। जैसे ही किसी गंभीर घायल को अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा, वैसे ही थंब इंप्रेशन के माध्यम से पूरा रिकॉर्ड पता चल जाएगा, इसी आधार नम्बर के जरिए घायलों का अस्पताल में रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। साथ ही सरकार को यह भी पता चल जाएगा कि घायल आयुष्मान भारत योजना स्कीम के दायरे में है अथवा नहीं।

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